एक-एक लाख पीपल के पौधारोपण के साथ ही योग दिवस पर होंगे विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम

विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगिण विकास के लिए 21 जून को योग दिवस का आयोजन किया जाना चाहिए।

Reporter :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-06-07 19:34 IST

राज्यपाल अनंदीबेन पटेल की फाइल फोटो (फोटो साभार-सोशल ​मीडिया)

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगिण विकास व अन्य गतिविधियों के संचालन के लिए 21 जून को योग दिवस का आयोजन किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार के वृहद पौधारोपण महाभियान के तहत विश्वविद्यालय उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों का सहयोग लेकर एक-एक लाख पीपल के पौधों का रोपण किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय में होने वाले नवाचार से अन्य विश्वविद्यालय को भी अवगत कराने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के सहायतार्थ शिक्षण, खेलकूद एवं पोषण सामाग्री उपलब्ध करायें, क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लें, बीच में शिक्षा छोड़ने वाले बच्चों को विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करें।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर तथा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविघिक विश्वविद्यालय लखनऊ की समीक्षा बैठक कर नई शिक्षा नीति, विश्वविद्यालयों में अकादमिक सत्र शुरू किये जाने उपाधियों का समयबद्ध वितरण, शैक्षणिक पदों पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ भर्ती, आडिट आपत्तियों, समयबद्ध निस्तारण, निर्माण कार्यों, महिला सशक्तीकरण क्रिया-कलापों तथा विश्वविद्यालयों में टीकाकरण आदि विषयों पर आज राजभवन से ऑनलाइन विस्तृत विचार विमर्श किया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शैक्षिक सत्र पर चर्चा करते हुये सत्र 2020-21 में चरणबद्ध तरीके से परीक्षा कराने अथवा अगले वर्ष प्रमोशन देने को कहा है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आगामी शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिये समय सारणी बनाकर शैक्षिक गतिविधियां चलायें साथ ही नयी शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए जल्द से जल्द अपने सुझाव भेजने को कहा है। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के उपरान्त समस्त डिग्री छात्र-छात्राओं को तत्काल उपलब्ध करा दी जाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उपाधियां सम्बद्ध महाविद्यालय को तो दे देते हैं किन्तु उनके द्वारा समय से वितरण कार्य सम्पन्न नहीं किया जाता है।

राज्यपाल ने महिला सशक्तीकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्थाापित महिला अध्ययन केन्द्र महिला सशक्तीकरण, स्वावलम्बन, स्वास्थ्य, शिक्षा संस्कार पोषण आदि के साथ-साथ समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा लिंग भेद, बाल-विवाह आदि के प्रति भी जागरूकता कार्यक्रम चलायें ताकि इन्हें समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि अभी हुये पंचायती चुनाव में बड़ी संख्या में महिला प्रधान चुनकर आयीं हैं उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिये तथा हिचक समाप्त करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलायें। साथ ही उन्हें सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दें ताकि वे अपनी ग्राम सभा में योजनाओं को लागू करने तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने के साथ-साथ उसे कुपोषण व क्षयरोग मुक्त ग्राम सभा बना सकें।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय मात्र शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान बनकर नहीं रहे। वे सामाजिक सरोकारों में भी अपना सक्रिय योगदान दें। महिलाओं एवं छात्राओं को सरकारी कार्यालय महिला चिकित्सालयों, नारी निकेतनों आदि का भ्रमण भी करायें ताकि वे भावी जीवन में होने वाली समस्याओं से भिज्ञ होकर उनका सफलता पूर्वक निराकरण कर सकें। 

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