लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक ने संसदीय कार्य मंत्री आजम खान की योग्यता पर सवाल करते हुए पूछा है कि क्या वह इस काम के योग्य हैं? आगे उन्होंने कहा, ''मुझे इस पर सीएम से बात करना पड़ेगा।'' नाईक ने विधानसभा में 8 मार्च को आजम खान द्वारा उन पर की गई टिप्पणियों की सीडी देखने के बाद विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे को लिखे लेटर में यह बात कही है।
सदन की कार्यवाही से आजम के बयान की 33 फीसदी लाइनें हटाई गईं
-गवर्नर ने अपने लेटर में कहा है कि 8 मार्च के कार्यवाही की प्राप्त संपादित और असंपादित मुद्रित प्रति से स्पष्ट है कि आजम खान द्वारा विधानसभा में राज्यपाल के प्रति की गई टिप्प्णी जो लगभग 60 लाइन में टाइप है, में से 20 लाइनें हटा दी गई हैं।
-विधानसभा की कार्यवाही से संसदीय कार्यमंत्री के बयान की 33 फीसदी बातें हटाना दर्शाता है कि उनकी भाषा विधानसभा की गरिमा, मर्यादा और परंपरा के अनुकूल नहीं है।
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अपनी सुविधानुसार भेंट कर सकते हैं विधानसभाध्यक्ष
-राम नाईक ने कहा-राज्यपाल के बिल रोकने के अधिकार की पुष्टि के लिए आपका हृदय से आभारी हूं।
-सदन की कार्यवाही में आप द्वारा संसदीय कार्य मंत्री आजम खान की भावनाओं को मुझ तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचाने का जिक्र है, जिसका मैं स्वागत करता हूं।
-इस निमित्त आप अपनी सुविधानुसार यथाशीघ्र मुझसे भेंट कर सकते हैं।
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'जनहित के मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहा हूं'
-राज्यपाल ने माता प्रसाद को लिखे लेटर में कहा- आपने विधानसभा में यह भी कहा था कि "लेकिन यह भी है कि जनहित के बिलों पर उन्हें गंभीरता से सोचना चाहिए।"
-मेरे लंबे राजनीतिक जीवन से और राज्यपाल पद के कार्यकाल की अवधि से आप भलीभांति अवगत होंगे कि मैं किस प्रकार जनहित से जुड़े मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहा हूं।
-इस संबंध में आपसे भेंट के दौरान चर्चा का इच्छुक हूं।
-राज्यपाल ने इसकी प्रति सीएम अखिलेश यादव को भी भेजी है।
-9 मार्च को राज्यपाल राम नाईक ने विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पांडे को पत्र भेजा था।
-8 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही में राज्यपाल पर की गई टिप्पणी की संपादित और असंपादित प्रति मांगी थी।
-15 मार्च को राज्यपाल को प्राप्त हुआ था माता प्रसाद का पत्र।
क्या है मामला?
-8 मार्च को विधानसभा में आजम खान गवर्नर राम नाईक पर बरसे थे।
-आजम ने कहा-गवर्नर ने महापौर संबंधी बिल पिछले डेढ़ साल से रोक रखा है।
-बिल रोक कर वह महापौरों को भ्रष्टाचार के लिए उकसा रहे हैं।
-यदि उन्हें बिल में कोई संशय है तो मुझे या मेरे विभाग के अफसरों को बुलाकर पूछ लें।
-जब कुछ गलत नहीं है तो विधेयक को क्यों रोके रखा गया है?
-पूछा-सबकी जवाबदेही है तो फिर महापौरों की जवाबदेही नियत क्यों न हो?
-इस संबंध में उन्होंने भाजपा के नेता से भी बात की थी
गवर्नर ने मांग ली थी सीडी
-गवर्नर राम नाईक ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष को लेटर लिखा।
-विधान सभा में आजम खान की ओर से गवर्नर पर की गई टिप्पणियों की सीडी उपलब्ध करने को कहा गया।