GST पर प्रदेशवासियों की राय: कहीं छाई खुशी तो कही फैला गम
भारत में लोग आने वाले समय में नमक से लेकर आलिशान कार खरीदने तथा फोन कॉल से लेकर रेस्तरां में खाना खाने पर किस दर से कर चुनाएंगे उसका निर्धारण जीएसटी परिषद् पहली जुलाई से तय कर देगी। वि
गोरखपुर: भारत में लोग आने वाले समय में नमक से लेकर आलिशान कार खरीदने तथा फोन कॉल से लेकर रेस्तरां में खाना खाने पर किस दर से कर चुनाएंगे उसका निर्धारण GST परिषद् पहली जुलाई से तय कर देगी। विधानसभा के दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी लागू होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस बीच जीएसटी काउंसलिंग कर नई कर प्रणाली के नियमो को अंतिम रूप देने में जुटी है तो इधर व्यापारी इसे जटिल और अपरिचित मानते हुए दबी जुबान में इसके विरोध में है।
हालांकि उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यो में इस कर प्रणाली से सीमा शुल्क, केन्द्रीय उत्पाद व सेवा कर निर्धारण हो जाएगा। 23 साल तक चर्चा के बाद अब पास हुए इस बिल से 17 टैक्स खत्म करने वाले जीएसटी से टैक्स की जटिलता कम हो जाएगी ।
- GST कर प्रणाली पहले 17 टेक्स्ट थे अब सिर्फ एक जीएसटी लगेगा या कर प्रणाली पोर्टल से संचालित होगी। क्रेडिट से रिफंड तक सब कुछ नेटवर्क से होगा।
- मानव दखल बेहद कम हो जाएगा ।पहले उत्पादन, बिक्री और सेवा तीनों पर कर लगता था अब सिर्फ आपूर्ति व सेवा पर लगेगा।
- GST तीन तरह का है: सेंट्रल, स्टेट और इंटीग्रेट।
- टैक्स से आने वाले राजस्व का हिसाब किताब रखने के लिए वर्गीकरण किया गया है।
- राज्य के भीतर कारोबार से मिलने वाले टैक्स पर केंद्र व राज्य का आधा आधा हिस्सा होगा, जबकि किसी अन्य राज्य से कारोबार पर इंटीग्रेटेड जीएसटी के फार्मूले से निपटारा करते हुए केंद्र व उपभोक्ता राज्य के बीच टैक्स की रकम को बराबर बांटा जाएगा। जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को काफी सहूलियत मिलेगी।
गोरखपुर में तैनात वणिजीकर में डिप्टी कमिश्नर अमित पाठक ने बताया कि जीएसटी दरअसल 'लक्ष्य आधारित उपभोग कर' (एनीमेशन बेस्ट कंजक्शन टैक्स) है। वस्तु या सेवा जहां उपभोग होगा वही टैक्स मिलेगा, इसलिए कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे उत्पादक राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उपभोक्ता राज्यों को जीएसटी का अधिक लाभ मिलेगा।
ये होगा फायदा
- GST से सबसे बड़ा फायदा ये है कि चेक पोस्ट पर ट्रकों को रुकना नहीं पड़ेगा जिससे उनका 16 फ़ीसदी समय बचेगा। समय की बचत ईंधन की खपत के साथ कीमतों में भी कमी लाएगी।
- पहले अलग-अलग टैक्स होने से कई बार एक का इनपुट टैक्स क्रेडिट दूसरे में नहीं मिलता था जैसे सेंट्रल एक्साइज का क्रेडिट सेल्स टैक्स में नहीं मिलता था।
- लेकिन अब दोनों के जीएसटी में शामिल होने से क्रेडिट मिलने लगेगा इससे दाम कम होंगे जीएसटी से जीडीपी के भी डेढ़ से दो फीसद तक बढ़ने की उम्मीद है।
वही जानकरो, व्यापारियों, सामाजिक कार्यकर्ता व राजनितिक जानकारों की अपनी अलग-अलग राय है। कोई जीएसटी बिल को यूपीए सरकार की सोच बता रहा है तो कोई जीएसटी बिल के फायदे और नुकसान को दूरगामी बता रहे हैं। अब तो आने वाला समय ही बताएगा की आखिर GST से कितना फायदा और कितना नुक्सान है।