कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश
Covid-19 Team Management : कोरोना महामारी से प्रदेश को सुरक्षित रखने की दिशा में प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
Covid-19 Team Management : कोरोना महामारी (Corona Epidemic) से प्रदेश को सुरक्षित रखने की दिशा में लगातार किए जा रहे प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट (covid test) करने वाले उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल को 03 लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष एक माह में 88.1 फीसदी की गिरावट हो गई है। वर्तमान में 37,044 कोरोना केस एक्टिव हैं। हमारी रिकवरी दर 96.6% हो गई है। बीते 24 घंटे में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर मात्र 0.5 फीसदी रही।
जिस प्रदेश के बारे में विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की थी कि यहां मई में हर दिन एक लाख से अधिक नए कोरोना मरीज सामने आएंगे, वहां बीते 24 घंटो में 1,497 मरीज पाए गए हैं। दैनिक मरीजों की यह संख्या 24 अप्रैल को आये 38,055 मरीजों की पीक स्थिति के सापेक्ष 36 हजार से अधिक की कमी आ चुकी है। बीते 24 घंटों में 5,491 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस तरह अब तक कुल 16 लाख 37 हजार 944 प्रदेशवासी कोरोना से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। बीते 24 घंटों में 03 लाख 12 हजार 677 टेस्ट हुए, इसमें 1.42 लाख सैम्पल आरटीपीसीआर माध्यम से जांचे गए। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। अब तक यहां 04 करोड़ 94 लाख 09 हजार 446 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है।
किस जनपद में हुई कोरोना एक्टिव केसों की संख्या कम
कोरोना के कम होते संक्रमण दर के दृष्टिगत विगत दिवस 600 एक्टिव केस से कम संख्या वाले 55 जनपदों को कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई थी। ताजा स्थिति के अनुसार सोनभद्र, देवरिया बागपत, प्रयागराज, बिजनौर और मुरादाबाद जनपद में कुल एक्टिव केस की संख्या 600 से कम हो गई है। ऐसे में अब इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन सुबह 07 बजे से सायं 07 बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। साप्ताहिक व रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में लागू होंगे। वर्तमान में 61 जिलों में कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई है।
कोरोना म्यूटेशन के संबंध में गहन अध्ययन की आवश्यकता है। अनेक संस्थानों द्वारा विभिन्न मानकों पर अध्ययन किया भी जा रहा है। ऐसे में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से प्रदेश में कोरोना की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। इस वैज्ञानिक अध्ययन के निष्कर्ष भविष्य में इस महामारी से बचाव में निश्चित ही उपयोगी सिद्ध होंगे।
सीरो सर्वे
कोरोना से कुल संक्रमित हुए लोगों, स्वस्थ हुए लोगों, एंटीबॉडी आदि के सम्बंध में "सीरो सर्वे" कराया जाना आवश्यक है। इस संबंध में 04 जून से प्रदेश में सैंपलिंग का प्रारंभ होगा। इससे लिंग और आयु सहित अलग-अलग पैमाने पर संक्रमण की अद्यतन स्थिति का आकलन हो सकेगा। यह कार्यवाही तेजी से की जाए। जून के अंत तक इस सर्वे के परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।
कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवर है। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार सभी नागरिकों का यथाशीघ्र टीका-कवर देने के लिए संकल्पित है। अब तक प्रदेश में 01 करोड़ 80 लाख 11 हजार 760 डोज लगाए जा चुके हैं। जबकि 18 से 44 आयु वर्ग के 19 लाख 83 हजार 968 लोगों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। हमारा लक्ष्य जून माह में एक करोड़ लोगों को टीका-कवर से आच्छादित करने का है।
अभिभावक स्पेशल बूथ लगाए गए
सभी 75 जिलों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की प्रक्रिया एक जून से प्रारंभ हो रही है। इसके साथ ही, 12 वर्ष के कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। सभी जिलों में इसके लिए 'अभिभावक स्पेशल बूथ' भी बनाए गए हैं। इन बूथ पर टीकाकरण हेतु अभिभावकों से उनके पाल्य की आयु का सत्यापन कराया जाए।
प्रदेश में एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु सिंगल विंडो प्रणाली आधारित ऑनलाइन पोर्टल संचालित किया जाए। उद्यमियों के आवेदन पर अधिकतम 15 दिवस के भीतर निर्णय ले लिया जाना चाहिए। अन्यथा की स्थिति में डीम्ड स्वीकृति के आधार पर उन्हें प्लांट स्थापना की अनुमति होगी। इस संबंध में कार्यवाही आगे बढ़ाई जाए।
प्रो-एक्टिव नीति अपनाई जा रही
विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में प्रो-एक्टिव नीति अपनाई जा रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीआईसीयू स्थापित किये जाने हैं। इसके साथ 50 बेड का एनआईसीयू भी हों। इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीकू स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए 20 जून तक की समय-सीमा तय की गई है। समय-सीमा में विस्तार नहीं होगा। सभी जिलाधिकारीगण इन कार्यों की सतत मॉनीटरिंग करें। नोडल अधिकारियों की तैनाती कर कार्य को समय से पूरा कराएं। इस संबंध में आवश्यक धनराशि तत्काल जारी कर दी जाए।
कोविड की तीसरी लहर से बचाव की तैयारी के क्रम में मानव संसाधन का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। नोएडा और लखनऊ में आज से मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण प्रारम्भ हो रहा है। इसी तरह, 01 जून से पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग भी शुरू हो रही है। यह कार्य यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए।
बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के इंतजाम
बरसात के मौसम को देखते बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के बेहतर इंतज़ाम किये जा रहे हैं। कोरोना मरीजों की तर्ज पर अब बच्चों की विभिन्न बीमारियों के त्वरित उपचार हेतु घर-घर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बच्चों के मेडिकल किट वितरण की तैयारी यथाशीघ्र पूरी कर, अगले पखवारे से वितरण प्रारंभ कर दिया जाए।
ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था
ब्लैक फंगस के मरीजों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है। इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाए। दवाओं की उपलब्धता बनी रहे। जिस प्रकार सीएम हेल्पलाइन और आइसीसीसी के माध्यम से कोरोना मरीजों/परिजनों से संवाद बना कर उनकी जरूरतों की पूर्ति कराई जा रही है, इसी प्रकार पोस्ट कोविड मरीजों और ब्लैक फंगस की समस्या से ग्रस्त मरीजों/परिजनों से हर दिन संवाद किया जाए। उनकी सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए।
प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य अभियान के रूप में जारी है। अब तक विभिन्न जिलों में 415 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गए हैं। स्थापना कार्य की रीयल टाइम मॉनीटरिंग की जाए। जिला प्रशासन इन प्लांट्स के स्थापना कार्य की सतत मॉनीटरिंग करें। रॉ मैटेरियल की उपलब्धता हो अथवा सिविल वर्क समय से पूरे किए जाएं। उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन के पैमाने पर आत्मनिर्भर होगा।
लगातार प्रयासों से एक ओर जहां संक्रमण की तीव्रता कम हुई है, वहीं ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन की स्थिति बन गई है। ऑक्सीजन ऑडिट से वेस्टेज रोकने में बहुत सहायता मिली है। विगत 24 घंटे में 465 एमटी ऑक्सीजन वितरित की गई, इसमें 272 एमटी केवल रीफिलर को उपलब्ध कराई गई। अब रिफिलर्स के पास करीब 1400 एमटी का बैकअप हो गया है। होम आइसोलेशन में भी ऑक्सीजन की मांग न्यूनतम हो रही है। ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों को उनके उपयोग के लिए ऑक्सीजन उपयोग की अनुमति दी गई है। औद्योगिक गतिविधियां सामान्य रूप से क्रियाशील रखी जाएं।
कोविड संक्रमित मरीजों से ओवरचार्जिंग की शिकायत प्राप्त हुई
आपदाकाल में कतिपय निजी अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से ओवरचार्जिंग की शिकायत प्राप्त हुई है। अस्पतालों द्वारा व्यवस्था का उल्लंघन तो किया ही गया, संवेदनहीनता भी हुई। ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हर एक शिकायत का समुचित परीक्षण सुनिश्चित करते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों में सेवारत स्टाफ निर्धारित गणवेश में ही रहे। उनके गणवेश पर उनका नाम पर पद नाम अवश्य लिखा हो, ताकि मरीज और परिजनों को सुविधा हो।