Kashi Vishwanath-Gyanvapi case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई शुरू

Gyanvapi case: सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद तथा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े विवादों की सुनवाई दोपहर दो बजे से प्रारंभ हुई।

Report :  Syed Raza
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-16 17:14 IST

Prayagraj: वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में सर्वे की कार्यवाही के बीच में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद तथा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर (Shrikashi Vishwanath Temple) से जुड़े विवादों की सुनवाई दोपहर दो बजे से प्रारंभ हुई। इस सुनवाई के दौरान ही हाई कोर्ट को ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने तथा वहां पर उस पूरे क्षेत्र को सील करने की जानकारी दी गई।

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला

वाराणसी में मुस्लिम पक्ष (Muslim side) की ओर से दायर नये मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर लंबित याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई दोपहर दो बजे के बाद शुरू हुई। सुनवाई शुरू होते ही जज को जानकारी दी गई कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है संबंधित क्षेत्र को सील कर दिया गया है।

वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में वर्ष 1991 में पंडित सोमनाथ व्यास एवं अन्य ने वाद दायर किया था। इसी मामले में बीते साल सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी ने पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश जारी किया था। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद एवं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखा है। जिस पर सुनवाई चल रही है।

एएसआई सर्वेक्षण के आदेश को पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन

इलाहाबाद हाई कोर्ट में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में की जा रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तथा ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन के विवाद को लेकर मस्जिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई थी। इस याचिका में वाराणसी के जिला न्यायालय के एएसआई सर्वेक्षण आदेश को चुनौती दी गई है। केस में मस्जिद कमेटी ने याचिका में एएसआई सर्वेक्षण के आदेश को पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन बताया है।

धार्मिक स्थल को लेकर वाद दाखिल नहीं किया जा सकता है

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 1991 के सेंट्रल रिलिजियस वरशिप एक्ट के तहत अयोध्या को छोड़कर किसी अन्य धार्मिक स्थल को लेकर वाद दाखिल नहीं किया जा सकता है। इस एक्ट के तहत देश की आजादी के समय 15 अगस्त 1947 में धार्मिक स्थलों की जो स्थिति है वही स्थिति बरकरार रहेगी। ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक विवाद से जुड़ी तीन-तीन याचिकाएं दाखिल की हैं।

इन छह याचिकाओं पर हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई की जा रही है। इनमें से चार याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में एक विवाद जुड़ी तीन-तीन याचिकाएं दाखिल की गई है। इस पूरे प्रकरण पर हाई कोर्ट में छह याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।

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