Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया, रिपोर्ट के लिए दी दो दिनों की मोहलत
Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया है। वहीं, विशाल सिंह सहित एक अन्य कोर्ट कमिश्नर बरकरार रहेंगे।
Gyanvapi masjid case : ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया है। वहीं, विशाल सिंह सहित एक अन्य कोर्ट कमिश्नर बरकरार रहेंगे। मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के बाद अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर से हटा दिया गया है। अजय मिश्रा के हटाए जाने के बाद, विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया गया है।
वाराणसी कोर्ट में मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट जमा कराने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा था। जिस पर अदालत ने यह मोहलत दे दी। इस बीच कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया गया। दावा ये किया जा रहा है, कि अजय मिश्रा के सहयोगी आरपी सिंह मीडिया में जानकारी लीक कर रहे थे। इसके अलावा, मुस्लिम पक्ष लगातार अजय मिश्रा को हटाए जाने की मांग उठाते रहे थे। जबकि, अजय प्रताप सिंह और विशाल सिंह सर्वे टीम का हिस्सा बने रहेंगे। डीजीसी सिविल और महिलाओं की तरफ से दाखिल अर्जियों पर अदालत में फिर सुनवाई होगी। बता दें कि, अजय मिश्रा पर निजी कैमरामैन रखकर सर्वे की रिपोर्ट मीडिया में लीक करने के आरोप लगे हैं।
ये कहा मुस्लिम पक्ष ने
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव के अनुसार, कोर्ट कमिश्नर ने कोर्ट में रिपोर्ट नहीं दी। बल्कि, दो दिन का अतिरिक्त समय मांगा। उन्होंने कहा कि, हिंदू पक्ष की ओर से दिया गया आवेदन बेबुनियाद है। नंदी की धुरी नापने, दीवार तोड़ने की बात कही गई है, जो बिलकुल गलत है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने मलबा हटाने की दलील को भी गलत बताया। उन्होंने कहा, यह मांग धार्मिक स्थल कानून के खिलाफ है। जिस पर विचार करने का फैसला अदालत को करना है।
इससे पहले, अभयनाथ यादव ने कहा, कि 'ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग होने का दावा किया गया है। वो पहले फ्लोर पर है। शिवलिंग हवा में नहीं झूलता। शिवलिंग जमीन में होता है। शिवलिंग का दावा करना हिंदू पक्ष का अपना मत है। हालांकि, उन्होंने कहा, यह रिपोर्ट तय करेगी कि शिवलिंग है या नहीं। अदालत ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय दिया है। जिसके बाद हम अपनी आपत्ति दाखिल करेंगे।