Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में सुनवाई पूरी, 8 नवंबर को आएगा कोर्ट का फैसला
किरण सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित दावे वाले शिवलिंग पर पूजा के अधिकार के साथ ही ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी याचिका दायर की थी।
Gyanvapi Masjid Case : वाराणसी (Varanasi) की जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) और श्रृंगार गौरी केस (Sringar Gauri case) में आज यानी गुरुवार (27 अक्टूबर 2022) को सुनवाई पूरी हो गई। हालांकि, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई तक इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। आपको बता दें कि, इस मामले में 8 नवंबर को अगली सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।
भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान का मामला सुनने योग्य है या नहीं, इस पर सुनवाई होनी है। गुरुवार को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। इस केस में हिन्दू पक्ष की बहस 15 अक्टूबर को पूरी हो चुकी थी। आज जज सीनियर डिविजन ने फैसले की तारीख रखी थी। अब मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर तक टाल दी गई है।
ज्ञात हो कि, किरण सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित दावे वाले शिवलिंग (Shivling) पर पूजा के अधिकार के साथ ही ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी याचिका दायर की थी। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। किरण सिंह की ओर से मुकदमा संख्या- 712/2022 फास्ट ट्रैक कोर्ट में ये वाद दाखिल किया गया था।
दाखिल याचिका क्या थी मांग
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग के बाद स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू करने को लेकर याचिका दायर की गई थी। इसमें ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश वर्जित करने की मांग को लेकर याचिका है। याचिका में ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को सौंपने की मांग की गई है।
दोनों पक्षों की ये है मांग
एक तरफ जहां हिन्दू पक्ष का कहना है कि ये मामला सुनने योग्य है। उनका कहना है कि यह तय करने का अधिकार सिविल कोर्ट का है, कि मस्जिद वक्फ की संपत्ति है भी या नहीं। वहीं, मुस्लिम पक्ष की दलील है कि केस सुनने योग्य नहीं है। क्योंकि ज्ञानवापी वक्फ की संपत्ति है। यहां 'द प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991' लागू होता है। ऐसे में सिविल कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।