Gyanvapi Masjid: रामजन्मभूमि की तरह ही ज्ञानवापी के लिए आंदोलन करेगी विहिप, 11-12 जून को बनेगी रणनीति

Gyanvapi Masjid Case: अब विश्व हिन्दू परिषद ज्ञानवापी के लिए आंदोलन करने की तैयारी में है। इस मामले को लेकर पूरे देश की निगाहे कोर्ट पर टिकी हुई हैं।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-05-17 02:16 GMT
ज्ञानवापी मस्जिद (फोटो-सोशल मीडिया)

Gyanvapi Masjid Case: रामजन्मभूमि मंदिर (Ram Janmabhoomi Temple) की मुक्ति के लिए कई वर्षो के बाद अब विश्व हिन्दू परिषद ज्ञानवापी के लिए आंदोलन करने की तैयारी में है। इस मामले को लेकर पूरे देश की निगाहे कोर्ट पर टिकी हुई हैं वहीं विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) जनजागरूकता के लिए फिर से अपनी तैयारी कर रहा है। इसे लेकर परिषद के पदाधिकारियों और संत समाज की एक बडी बैठक आगामी 11 और 12 जून को हरिद्वार में आयोजित की जा रही है जिसमें आंदोलन को लेकर भावी रणनीति तय की जाएगी।

विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Masjid) पर चल रहे सर्वे और वीडियोग्राफी का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है. ऐसे में जो साक्ष्य मिले हैं। जिससे साफ है कि वहां बाबा विराजते थें।

पूरी तरह से मंदिर था

इसके अलावा कई शिलापटों  के मिलने के बाद साफ है कि पूरी तरह से मंदिर था और जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया।

शरद शर्मा ने कहा कि  पढ़े-लिखे मुस्लिम समाज (muslim samaaj) के लोग इस बात को माने कि मुगल आक्रांताओं ने हिंदू धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा कर वहां पर मस्जिद बनाई। उन्होंने कहा कि देश में मठ मंदिरों को छोड़कर विदेशी आक्रांताओं ने अपने धार्मिक चिन्ह स्थापित किए थे। तमाम प्रमाण मिलने के बाद अब  मुस्लिम समाज यह मान ले कि वह पूरा स्थान हिन्दू धार्मिक स्थल ही है।

वहीं अयोध्या के रामजन्मभूमि  के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि मुस्लिम समाज को स्वयं यह स्थान छोड देना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय अविलम्ब हिन्दू धर्म के पक्ष में अपना फैसला दे। शरद शर्मा ने कहा मथुरा, काशी और अयोध्या हमारा राष्ट्र गौरव है।

कोर्ट का फैसला तुरंत आने के बाद हमारे यहां अर्जेंट तौर पर मीटिंग बुलाई गई जिसमें हम इस मुद्दे को लेकर के देशभर में जन जागरण अभियान चलाने को लेकर बातचीत हुई है। इसके लिए अंतिम फैसला हरिद्वार में होने वाली संत समाज और केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में किया जाएगा।

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