Gyanvapi Mosque Survey: ज्ञानवापी मामले में कल 12 बजे फैसला सुनाएगी अदालत
Gyanvapi Mosque Survey: काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद मामले में हाईकोर्ट कल अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
Gyanvapi Mosque Survey: वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद (Kashi Vishwanath Temple-Gyanvapi Mosque Dispute) मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कल यानि गुरूवार 12 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी।
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट में आज दोनों पक्षों के बीच 135 तक बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला कल के लिए सुरक्षित रख लिया। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को भी करीब डेढ़ घंटे तक दोनों पक्षों के बीच बहस हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों की ओर से कील कमिश्नर बदले जाने और ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर सर्वे की इजाजत देने का मसला उठाया गया था।
प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटि ने कुछ अन्य तथ्य प्रस्तुत करने के लिए बुधवार तक की मोहलत मांगी थी, जिस पर अदालत ने 11 मई तक के लिए सुनवाई स्थगति कर दी थी। मंगलवार को वादी के वकील ने कोर्ट से कहा था कि प्रशासन का रवैया इस मामले में ढुलमुल दिख रहा है। अतः आप खुद मौके पर चलकर मामले का निस्ताकरण करें। वकीलों ने साल 1937 में दिन मोहम्मद बनाम सेकेट्री ऑफ इंडिया मामले का हवाला दिया, जिसमें तत्कालीन जज ने स्वयं जाकर मामले की आख्या प्रस्तुत की थी। उन्होंने कहा कि आज ऐसी ही जरूरत महसूस हो रही है।
मस्जिद की दीवार पर दिखा घंटा और स्वास्तिक
वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने के लिए नियुक्त किए गए विभाष दूबे ने मस्जिद को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। एक निजी न्यूज टेलीविजन चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ प्राचीन घंटा और फूलों की लड़ियां दिखाई दी थी। विभाष दूबे ने आगे दावा करते हुए कहा कि श्रृंगार गौरी के नीचे झांकने पर विष्णुजी का फन काढे नाग और ब्रह्माजी का कमल दिखा।
वहीं अदालत की तरफ से नियुक्त किए गए वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने मुस्लिम पक्ष द्वारा लगाए गए आरोप का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने पूरी ईमानदारी, निष्पक्षता और निष्ठा से अपना काम किया है। आगे का काम कोर्ट का है। बता दें कि प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटि ने अदालत से वकील कमिश्नर बदलने की मांग की थी।
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