Gyanvapi Case Update: ज्ञानवापी सर्वे केस को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टली, अब 14 जुलाई को अगली सुनवाई
Gyanvapi Case: वाराणसी स्थित विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग से जुड़ी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई टल गई।
Gyanvapi Case Live Update: वाराणसी स्थित विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग से जुड़ी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई टल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट अब 14 जुलाई को सुनवाई करेगी। मामले में छूचे तथ्यों पर कोर्ट सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट ने वाराणसी की अदालत के फैसले पर रोक लगा रखी है। जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होगी। माना जा रहा है था कि उच्च न्यायालय आज यानी शुक्रवार 26 मई को पूरे परिसर के सर्वे पर वाराणसी कोर्ट के आदेश तथा सिविल वाद की वैद्धता को लेकर दाखिल याचिकाओं के मुद्दे पर दोनों पक्षों की दलील सुनेगा। लेकिन सुनवाई टल गई।
हाईकोर्ट वाराणसी कोर्ट के उस फैसले पर लगी रोक के आदेश को बढ़ा चुका है, जिसमें संपूर्ण परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे कराने के आदेश दिए गए हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया की अदालत में चल रही है। 24 मई को ही सुनवाई के दौरान मुस्लि पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर जो दलील पेश की गई थी, उसे लेकर बवाल हो गया था। हिंदू पक्ष की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई थी।
औरंगजेब ने नहीं तोड़ी मंदिर, वो क्रूर नहीं था
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अदालत में दलील थी कि मुगल शासक औरंगजेब क्रूर नहीं था। उसने ना ही वाराणसी के किसी भगवान आदि विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़ा था। मुगल बादशाह के आदेश पर किसी मंदिर के तोड़े अथवा ढहाए जाने के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। वारणसी में दो विश्वनाथ मंदिरों (पुराने और नए) की कोई अवधारणा नहीं थी। घटनास्थल पर जो ढ़ांचा या इमारत मौजूद है, वह वहां हजारों साल से है। वहां कल भी मस्जिद थी और आज भी मस्जिद है।
मुस्लिम पक्ष ने आगे कहा कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर से कोई शिवलिंग नहीं मिला है। जिस वस्तु के शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है, वह असल में एक फव्वारा है। याचिकाकर्ताओं द्वारा पुराने मंदिर को गिराने का आरोप झूठा है। मुस्लिम पक्ष ने साथ ही यह भी कहा कि वाराणसी का मामला अयोध्या के मामले से पूरी तरह अलग है।
हिंदू पक्ष की ओर से आई तीखी प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष द्वारा मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ किए जाने और उसे क्लीन चिट देने पर हिंदू पक्ष और साधु-संत भड़क गए हैं। उनकी ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। अखिल भारत हिंदू महासभा/संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने मुस्लिम पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्षकारों द्वारा औरंगजेब के पापों की पैरवी करना निंदनीय है।
बता दें कि इतिहास में मुगल शासक औरगंजेब का नाम एक बेहद क्रूर, निर्दयी और सांप्रदायिक शासक के रूप दर्ज है। जिसनें सिंहासन के लिए अपने पिता से लेकर भाईयों तक को नहीं बख्शा। इतिहासकारों की माने तो उसके शासनकाल में बहुसंख्यक हिंदू जनता पर काफी अत्याचार हुए, उनके पूजास्थलों को निशाना बनाया गया। बड़े पैमाने पर हिंदुओं के धर्म परिवर्तन कराने के आरोप भी हैं।