Hamirpur: संचारी रोग नियंत्रण अभियान, 28 दिव्यांग और 116 कुपोषित बच्चे चिन्हित

भ्रमण के दौरान 15 साल से कम उम्र के दिव्यांग बालक-बालिकाओं को चिन्हित कर इनके प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कराई जा रही है।

Update:2021-03-22 19:04 IST
Hamirpur: संचारी रोग नियंत्रण अभियान,10 दिनों में 1.62 लाख घरों में दस्तक

हमीरपुर: विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत 10 मार्च से शुरू हुए दस्तक अभियान में अब तक स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 1.62 लाख घरों में दस्तक देकर बीमारों को चिन्हित किया है। इस दौरान कोविड-19 लक्षण वाले एक सैकड़ा से अधिक मरीजों के एंटीजन टेस्ट भी कराए गए, जिसमें किसी के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि नहीं हुई है। भ्रमण के दौरान 15 साल से कम उम्र के दिव्यांग बालक-बालिकाओं को चिन्हित कर इनके प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कराई जा रही है।

जिले में दस्तक अभियान

10 से 24 मार्च तक जिले में दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। 20 मार्च तक इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 1.62 लाख घरों में दस्तक देकर संक्रामक बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उनके उपचार की व्यवस्था कराई है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की दो सदस्यीय टीम इस काम में अपने-अपने क्षेत्र में लगी हुई है।

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भ्रमण के दौरान टीमों ने अभी तक 256 बुखार से ग्रसित मरीजों को खोजा है। इनमें से 160 में मलेरिया और डेंगू जैसे लक्षण होने के चलते उनकी स्लाइड बनाई गई है। 100 ऐसे मरीज मिले हैं, जिन्हें कोविड-19 जैसे लक्षण थे, मगर एंटीजन टेस्ट में सभी निगेटिव निकले हैं। 61 मरीजों में टीबी और 106 में फाइलेरिया रोग के लक्षण मिले हैं। इन सभी के सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं, रिपोर्ट आनी शेष है। भ्रमण के दौरान 3368 मच्छर प्रजनन स्रोतों को चिन्हित कर साफ-सफाई कराकर लार्वा को नष्ट कराया गया।

116 कुपोषित बच्चों को चिन्हित

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि भ्रमण के दौरान 116 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है। इन सभी को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पुष्टाहार का वितरण कराया जाएगा। जांच में जो बच्चे गंभीर निकलेंगे, उन्हें जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाएगा।

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इन दस दिनों में 6 से 19 साल के बालक-बालिकाओं को आयरन फोलिग एसिड की गोलियां भी बांटी गई हैं और उन्हें कैसे खाना है, इसके बारे में जागरूक किया गया है। 15 साल से कम उम्र के 28 ऐसे बालक-बालिका मिली हैं, जो दिव्यांगता के शिकार हैं। इन सभी के प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया भी शुरू कराई गई है। दिव्यांग कल्याण विभाग को भी सूचित किया गया है ताकि इन्हें शासन से मिलने वाली सुविधाएं मिल सकें।

रिपोर्ट- रविंद्र कुमार सिंह

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