Hamirpur: नमामि गंगे परियोजना को तगड़ा झटका, बाढ़ से हमीरपुर में इंटेकवेल के कई पिलर क्षतिग्रस्त
Hamirpur News: हमीरपुर जिले में निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना को यहां यमुना नदी की बाढ़ से बड़ा झटका लगा है।
Hamirpur News: हमीरपुर जिले में निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना को यहां यमुना नदी की बाढ़ से बड़ा झटका लगा है। परियोजना के तहत यमुना नदी पर 242.65 लाख रुपये की लागत से बनाए गए इंटेकवेल के कई पिलर बाढ़ में तबाह हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ गई है। पहली बाढ़ में ही इंटेकवेल के पिलरों के क्षतिग्रस्त होकर टेढ़े होने पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इंटेकवेल का कई मीटर लम्बा पुल भी हिल गया है। फिलहाल एडीएम, नमामि गंगे ने जांच के निर्देश दिए हैं।
हमीरपुर जिले में ग्रामीण इलाकों में पानी के संकट से निजात दिलाने के लिए सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत पिछले साल बड़ी सौगात दी थी। जिले में 355 गांवों में 1.11 लाख से अधिक ग्रामीणों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए कई 100 करोड़ की परियोजना का शुभारंभ किया गया। जिले के सुमेरपुर और मौदहा ब्लाक के 148 गांवों में जलापूर्ति के लिए पत्योरा डांडा में यमुना नदी किनारे ग्राम समूह पेयजल योजना की आधारशिला रखी गई। इस परियोजना का निर्माण कार्य का ठेका एसपीएसएल जेडब्ल्यूआईएल (जेवी) नई दिल्ली को दिया गया था।
परियोजना 336.98 लाख रुपये की लागत है, जिसमें 45 MLD का एक इंटेकबेल, 45 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व 46 ओवर हेड टैंक का निर्माण इन दिनों कराया जा रहा है। इधर कुरारा क्षेत्र के 39 गांवों में जलापूर्ति कराए जाने के लिए हरौलीपुर ग्राम समूह पेयजल योजना के कार्य पीएनसी (जेवी) आगरा फर्म करा रही है। यह परियोजना भूगर्भ आधारित है। जिसमें 9 एमएलडी का एक इंटेकबेल, 8 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व एक दर्जन ओवर हेड टैंक के निर्माण कराए जा रहे है। यह परियोजना 242.65 लाख रुपये की है। जिससे कुरारा ब्लाक के अलावा मुस्करा, राठ, गोहांड व सरीला ब्लाक के 168 गांवों के लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इन चारों ब्लाकों में परियोजना के तहत 135 नलकूप, 123 ओवर हेड टैंक के निर्माण फर्म करा रही है।
यमुना नदी में बाढ़ से इंटेकबेल के पिलर टेढ़े
कुरारा क्षेत्र के हरौलीपुर ग्राम समूह पेयजल योजना के तहत यमुना नदी में 9 एमएलडी का एक इंटेकवेल का निर्माण कार्य कराया गया है। इसके साथ ही 8 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी चल रहा है। बताया जाता है कि यमुना नदी में आई बाढ़ यह इंटेकबेल झेल नहीं पाया और इसके कई पिलर क्षतिग्रस्त होकर टेढ़े हो गए। क्षतिग्रस्त इंटेकवेल के पिलरों को देख गांव के लोग नाराज हैं। ग्रामीणों ने कहा कि परियोजना के निर्माण कार्य घटिया स्तर के कराए गए हैं, जिसके कारण बाढ़ में पिलरों को नुकसान पहुंचा है।
बाढ़ का पानी कम होने पर पिलरों की होगी जांच
कई सौ करोड़ रुपये की लागत से नमामि गंगे परियोजना के तहत बनाए गए इंटेकवेल के पिलरों के तबाह होने पर कार्यदायी संस्था में हड़कंप मच गया है। एडीएम नमामि गंगे राजेश कुमार यादव ने सोमवार को बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि यमुना नदी की बाढ़ में लोहे के पीपे के पुल का कुछ हिस्सा बहते हुए इंटेकवेल के पिलरों से टकरा गया है, जिससे दो पिलर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बाढ़ का पानी कम होने के बाद इस मामले की जांच जरूर कराई जाएगी। साथ ही पिलरों के निर्माण नए सिरे से कराए जाएंगे।