Hamirpur News: सदियों बाद पछैहया लोहारों को याद आया आशियाना, SDM को पत्र देकर की जमीन की मांग
Hamirpur: दो दर्जन से अधिक पछैहया लोहारों ने एसडीएम को पत्र लिखकर घर बनाने के लिए जमीन देने की मांग की है। वहीं, एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने लेखपाल को बुलाकर जमीन तलाशने की बात कही है।
Hamirpur News: अपने आप को महाराणा प्रताप का वंशज कहने वाले और जमीन पर अपनी गाड़ी के नीचे जीवन यापन करने वाले पछैहया लोहारों को अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए आशियाना की याद आ गई है। जिसके चलते लगभग दो दर्जन से अधिक पछैहया लोहारों ने एसडीएम को पत्र लिखकर घर बनाने के लिए जमीन देने की मांग की है। जिसके बाद एसडीएम ने लेखपालों से जमीन की तलाश करने की बात कही है।
पांच दशक से गाड़ी और झोपड़ी में अपना जीवन बिता रहे पछैहया लोहार
कस्बे के बड़े चौराहे के आसपास लगभग पांच दशक से जमीन पर अपनी गाड़ी और झोपड़ी में अपना जीवन बिता रहे पछैहया लोहारों ने एसडीएम को पत्र लिखकर बताया कि वह लोग महाराणा प्रताप के शासन काल से ही बंजारे बनकर रह रहे हैं। उनकी स्थिति से ग्रामीण और शहरी समुदाय भलीभांति परिचित है, हमारी आजीविका खेती और घरेलू लोहे की वस्तु बनाने पर निर्भर है। साथ ही बताया कि सरकार द्वारा घुमन्तु और निम्न जाति वर्गो को जमीन के पटटे आवंटित किए जाते हैं लेकिन उनके समाज को आज तक कोई जमीन नहीं दी गई है। जिसके चलते उनके बच्चों का भविष्य संकट में है।
एसडीएम ने लेखपाल को बुलाकर जमीन तलाशने की कही बात
गर्मी तथा सर्दी और बरसात में उन्हें अपने परिवार के साथ नरकीय जीवन जीना पडता है, साथ ही उन्हें अपने बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों का भय बना रहता है क्योंकि इसके पहले भी एक मासूम बच्ची का अपहरण और हत्या हो चुकी है। सभी लोगों ने एसडीएम से ग्राम समाज की सुरक्षित जमीन पर उन्हें पट्टा देने की मांग की है। जिसपर एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने लेखपाल को बुलाकर जमीन तलाशने की बात कही है।
साथ ही बताया कि अगर यह लोग कांशीराम कालोनियों में जाना चाहते हैं तो उनके लिए आवास आवंटित कर दिए जाएंगे। अगर गहरौली में जाना चाहे तो पटटे करा दिए जाएं। लेकिन उक्त लोग कस्बे के चार पांच किलोमीटर की रेंज में ही जमीन देने की बात कर रहे हैं।