Hapur News: एबीएसए ने एक घंटे पहले ही छोड़ दिया अपना दफ्तार,बीएसए और डीएम से की गई है एबीएसए की शिकायत
Hapur News: कई अधिकारी ही अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नियमानुसार नहीं कर रहे है। वह न तो निर्धारित समय पर आफिस पहुंचते हैं और न ही आफिस में पूरे समय बैठते हैं।;
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Hapur News: बेसिक शिक्षा विभाग के कई अधिकारी ही अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नियमानुसार नहीं कर रहे है। वह न तो निर्धारित समय पर आफिस पहुंचते हैं और न ही आफिस में पूरे समय बैठते हैं। इसको लेकर कई बार शिकायत की जाती हैं, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी भी प्रभावी कार्रवाई नहीं करते। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। यह मामला एबीएसए हापुड़ का है। उन्होंनेमानते हुए एक साल में पांच अध्यापकों पर कार्रवाई की है।
जबकि वह खुद अपने आफिस में समय से नहीं आते हैं। मानकों को ताक पर रखकर वह मेरठ से आवागमन करते हैं। ऐसे में सुबह को 11 बजे के आसपास ही पहुंचते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष अग्रवाल ने जिलाधिकारी को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह रोजाना चार बजे ही आफिस छोड़ देते हैं, जबकि आफिस का समय पांच बजे तक का है।
इसके साक्ष्य के रूप में उन्होंने जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो और वीडियो प्रस्तुत की हैं। जिसमें एबीएसए समय से पहले अपने आफिस से निकलते, मेरठ हाईवे पर अपनी गाड़ी से जाते अौर पांच बजे के आसपास मेरठ में अपने आवास का गेट खोलते हुए दिख रहे हैं। यह कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही एवं सेवा नियमों का उल्लंघन है। हापुड़ में निवास नहीं करने के कारण वह अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होनें इस मामले में डीएम व बीएसए से कमेटी गठित कराकर जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। इस वीडियो-फोटो के सामने आने से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है।
एबीएसए आरोपों को बताया निराधार
एबीएसए मनोज कुमार का कहना हैं कि,यह फोटो और वीडियो मेरे ही हैं। मैं रोजाना निर्धारित समय पर आफिस पहुंचता हूं और समय पर ही आफिस छोड़ता हूं। सोमवार को मुझको मेरठ में डाक्टर काे दिखाना था। उसके लिए जल्दी निकल आया। रोजाना समय से पहले आफिस छोड़ने के आरोप निराधार हैं।
क्या बोली महिला अधिकारी
बेसिक शिक्षा अधिकारी रितु तोमर नें कहा कि,अभी हमको इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर उसमें उपलब्ध तथ्यों का अवलोकन करने के उपरांत ही कुछ कहा जा सकता है। किसी भी अध्यापक-अधिकारी का समय से पहले निजी कार्य के लिए आफिस-स्कूल छोड़ना अपराध है।