Sonbhadra News: सवालों के घेरे में हर घर नल योजना की शुद्धता, सर्वेक्षण में 54.5 प्रतिशत नमूने फेल, कार्रवाई के निर्देश
Sonbhadra News: हर घर नल योजना के चिन्हित जिलों से भेजी गई टेस्टिंग और कार्य की रिपोर्ट का केंद्र सरकार की तरफ से थर्ड पार्टी सर्वेक्षण कराया गया। पाया गया कि विभिन्न राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कराए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 79 गांवों में बगैर नल लगाए ही, योजना से संतृप्त होने की रिपोर्ट दे दी गई है।
Sonbhadra News: यूपी में पूर्वांचल के विंध्य रीजन और बुंदेलखंड के लिए विशेष तौर पर चलाई गई हर घर नल योजना का पानी शुद्धता की कसौटी पर फेल पाए जाने से हड़कंप मच गया है। केंद्र सरकार की तरफ से कराए गए थर्ड पार्टी सर्वेक्षण में बायोलॉजिकल पैरामीटर्स पर जहां 54.5 प्रतिशत नमूने फेल पाए गए हैं। वहीं, केमिकल पैरामीटर की टेस्टिंग में 24.7 प्रतिशत नमूने फेल पाए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में भूजल प्रदूषण के मामले में सुरक्षित माने जाने वाले सोनभद्र के आठ गांवों से उठाए गए नमूने भी शामिल हैं। प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से संबंधित गांवों के पुनर्मूल्यांकन यानी अभियान चलाकर पानी की गुणवत्ता परीक्षण के निर्देश तो दिए गए हैं। गलत रिपोर्टिंग और लापरवाही के लिए संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश भी जारी किया गया है। हालांकि जिले के अफसर लापरवाही, गलत रिपोर्टिंग से इंकार करते हुए, फेल पाए गए नमूनों को, मुख्यालय के लैब में पास होने का दावा कर रहे हैं।
इस तरह परखी गई हर घर नल के जल की गुणवत्ता
हर घर नल योजना के चिन्हित जिलों से भेजी गई टेस्टिंग और कार्य की रिपोर्ट का केंद्र सरकार की तरफ से थर्ड पार्टी सर्वेक्षण कराया गया। पाया गया कि विभिन्न राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कराए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 79 गांवों में बगैर नल लगाए ही, योजना से संतृप्त होने की रिपोर्ट दे दी गई है। वहीं, सर्वेक्षण किए गए गांवों से आपूर्ति किए जा रहे पानी की शुद्धता जांचने के लिए जो नमूने उठाए गए थे, उसमें से 54.5 प्रतिशत नमूने बायोलॉजिकल पैरामीटर्स (जीवाणु संबंधी मापदंडों) पर फेल पाए गए हैं। वहीं, केमिकल पैरामीटर्स (रासायनिक मापदंडों) पर 24.7 प्रतिशत नमूनों को फेल (विफल) पाया गया है।
जानिए यूपी को लेकर क्या-क्या दिए गए हैं निर्देश
प्रकरण को लेकर जहां केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव अशोक केके मीना ने जहां यूपी के मुख्य सचिव को पत्र जारी कर, यूपी से जुड़े गांवों में अविलंब सुधारात्मक कार्रवाई कराने और जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।वहीं, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता निदेशक बृजराज सिंह यादव की तरफ से अधिशासी अभियंता/सदस्य यूपी जल निगम ग्रामीण/जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को पत्र जारी कर निर्देश दिया गया है जिन गांवों में कमियां पाई गई हैं, उन गांवों का पुनर्मूल्यांकन कराते हुए तत्काल, पानी आपूर्ति में सुधार सुनिश्चित किया जाए।
उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) के संयुक्त प्रबन्ध निदेशक (प्रशासन) और मुख्य अभियंता से कहा गया है कि केंद्रीय सचिव की तरफ से गलत रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों/अधिकारियों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए, कृत कार्रवाई से अवगत कराने की अपेक्षा की गई है, इसको दृष्टिगत रखते हुए अविलंब आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें और मिशन कार्यालय को अवगत कराएं।
शुद्धता की कसौटी पर सोनभद्र के आठ गांवों के स्थिति मिली खराब
बताते हैं कि विंध्य रीजन में जहां सबसे ज्यादा नमूने मिर्जापुर जिले में, 38 गांवों फेल पाए गए हैं। वहीं, सोनभद्र में आठ गांवों (नगवां ब्लाक का केवटम, चतरा ब्लाक का पलपल, पनिकप, मकरीबारी ग्राम पंचायत का वीरन चुना गांव, चतरा ब्लाक का रैया गोसाईं, ऊंचीखुर्द, चितविश्राम, कोन ब्लाक का बरवाखांड़) के नमूने शुद्धता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं। भदोही में तीन गांवों की स्थिति खराब पाई गई है। मिर्जापुर में जहां सभी नमूने बायोलॉजिकल पैरामीटर्स पर फेल मिले हैं। वहीं, सोनभद्र में आठ गांवों के नमूने बायोलॉजिकल पैरामीटर्स और इन्हीं में से दो गांवों के नमूने केमिकल पैरामीटर्स पर फेल पाए गए हैं। भदोही में भी तीनों गांवों के नमूने रासायनिक मापदंडो पर फेल मिले हैं। अहम बात यह है कि सोनभद्र के जिन गांवों में पानी आपूर्ति की शुद्धता पर सवाल उठे हैं, उन गांवों को भूजल प्रदूषण के लिहाज से सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है।
अधिशासी अभियंताओं पर गिर सकती है गाज
एक तरफ विभागीय तौर पर पानी के शुद्धता के दावे, वहीं दूसरी तरफ थर्ड सर्वेक्षण में शुद्धता के मापदंडों के दावे की खराब स्थिति को देखते हुए, जहां विभागीय रिपोर्टिंग पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, अधिशासी निदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए पत्र से स्पष्ट है कि संबंधित अधिशासी अभियंताओं द्वारा रिपोर्टिंग और योजना के क्रियान्वयन में गैर जिम्मेदाराना रवैया और दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है। इससे यह माना जा रहा है कि जल्द ही संबंधित अधिशासी अभियंताओं पर गाज गिरी दिखाई दे सकती है।
मुख्यालय पर कराए परीक्षण में नमूने पाए गए हैं पास: एक्सईएन
जिले के अधिशासी अभियंता ग्रामीण महेंद्र सिंह से फोन पर रिपोर्ट की स्थिति के बारे में जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि सोनभद्र के जिन नमूनांे को फेल बताया गया था, वह हेडक्वार्टर स्तर पर कराए गए दोबारा परीक्षण में पास यानी शुद्धता की कसौटी पर सही पाए गए हैं। फ्लोरोसिस से अत्यधिक प्रभावित म्योरपुर ब्लाक के कुसुम्हा गांव में अभी तक हर घर नल से पानी न पहुंच पाने के सवाल पर कहा कि इसकी जानकारी कर तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएंगे।