स्वतंत्रता दिवस से पहले परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने की मांग, चित्तू पांडेय के नाम पर बलिया को मिले बड़ी संस्था

Har Ghar Tiranga in Balia: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को क्रांतिवीरों की धरती उत्तर प्रदेश के बलिया में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 1942 की क्रांति के नायक चित्तू पांडेय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।

Update: 2022-08-13 14:46 GMT

Bhupendra Yadav and Dayashankar Singh (Image: Newstrack)

Har Ghar Tiranga in Balia: उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कलेक्ट्रेट के गंगा बहु उद्देशीय सभागार में हर घर तिरंगा अभियान के तहत बोलते हुए कहा कि देश की आजादी का जब भी इतिहास लिखा जाएगा, वह बलिया के बिना अधूरा ही रहेगा।

उन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिया के योगदान से जुड़े इतिहास को विस्तार से बताया। यह भी बताया कि किस तरह बलिया पांच वर्ष पूर्व ही आजाद हो गया था। परिवहन मंत्री ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम सेनानी मंगल पांडेय जी हमारी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे। देश के लिए जब भी जरूरत पड़ी, बलिया के वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराया।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज इस धरती पर आकर यहां का मान बढ़ाया है। उनका स्वागत करते हुए उन्होंने अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माध्यम से चित्तू पांडेय के नाम पर ऐसी संस्था बलिया को दिलवाएं, जिस पर हम सब को भी गर्व हो और उसका लाभ बलियावासियों को मिल सके।

वही संवाददाताओं से बात करते हुए देश के प्रथम शहीद मंगल पांडे और 1942 कि क्रांति के नायक चित्तू पांडे के नाम पर रोडवेज की बस चलाने की घोषणा की और कहा कि जल्द ही यह बस सेवा चालू की जाएगी।


इससे पहले केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को क्रांतिवीरों की धरती उत्तर प्रदेश के बलिया में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 1942 की क्रांति के नायक चित्तू पांडेय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा घर-घर तिरंगा लहराने का उद्देश्य देश की आजादी के लिए व पड़ोसी देशों से युद्ध के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वाले महापुरुषों का नमन करने का है। घर व गांव को स्वच्छ करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारी व बेटियों के सम्मान के संकल्प को आगे बढ़ाने का है।


उन्होंने देश में गावों व शिक्षा के विकास पर जोर देते हुए कहा कि भारत आज वैज्ञानिक ज्ञान के साथ ही वैज्ञानिक नजरिए, डिजिटल क्रांति व वैज्ञानिक उन्नयन के द्वारा आगे बढ़ सकता है। देश को अच्छे चिकित्सक व इंजीनियर के साथ ही अच्छे वैज्ञानिक की भी आवश्यकता है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपना देखा है कि अमृत महोत्सव के बाद देश जब आजादी का सौ साल पूरे करेगा तब वर्ष 2047 में देश की युवा पीढ़ी जीवन व कैरियर के मुकाम पर हो। भारत के लोग अच्छे नागरिक बनकर आत्मनिर्भर व गरीबी से मुक्त शक्तिशाली भारत का निर्माण करें।


केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि यह आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लिए थोड़े समय के लिए सिर्फ उत्साहित होने वाला अवसर नहीं है, बल्कि संकल्प का अवसर है। हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री के रूप में ऐसा नेतृत्व मिला है, जो देश के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सबसे पहले गांव-गांव, घर-घर स्वच्छता का संदेश दिया, दूसरा स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड दिया, तीसरा बेटियों के सम्मान के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया और चौथा पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के लिए 'लाइफ' का नारा देते हुए धरती के अनुकूल जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया।

अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि इस ऐतिहासिक धरती पर पैदा होना ही सौभाग्य की बात है। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, सांसद रविन्द्र कुशवाहा व राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने भी सभा को संबोधित किया।

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