बकरी बनी मौतः हरदोई में युवक की बेरहमी से पिटाई, इलाज के दौरान तोड़ा दम
सण्डीला इलाके में एक युवक की महज इसलिए पिटाई कर दी गयी क्योंकि खेत मे बकरी जाने को लेकर विवाद हो गया था।पिटाई से घायल युवक की डेढ़ माह बाद जब मौत हो गयी तो हड़कंप मच गया।
हरदोई:सण्डीला इलाके में एक युवक की महज इसलिए पिटाई कर दी गयी क्योंकि खेत मे बकरी जाने को लेकर विवाद हो गया था।पिटाई से घायल युवक की डेढ़ माह बाद जब मौत हो गयी तो हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और अग्रिम कार्यवाई में जुट गई है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, सण्डीला कोतवाली क्षेत्र के टिकरा दाऊदपुर गांव में उस समय हड़कम्प मच गया जब यहां के रहने वाले सूरज प्रताप की मौत हो गयी। सूरज प्रताप की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया तो बात पूरे गांव में फैल गयी जिसके बाद हड़कम्प मच गया।पूरे मामले की सूचना सण्डीला पुलिस को दी गयी तो कोतवाल सूर्यप्रकाश शुक्ल गांव पहुंचे और परिवार को समझाया और मृतक के शव का पंचनामा भरा।
मामूली विवाद में युवक की पिटाई
दरअसल पुलिस के पहुंचने और मृतक के शव का पंचनामा और पोस्टमार्टम के पीछे का कारण मामूली विवाद में युवक की पिटाई के डेढ़ माह बाद मौत बताई गई है।गौरतलब है कि टिकरा दाऊदपुर निवासी सूरज पुत्र प्रताप ने 7 दिसंबर 2020 को गांव के माफूज उनकी पत्नी व दो पुत्रों पर खेत मे मवेशी जाने की बात को लेकर मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई थी।इस मारपीट में सूरज गंभीर रूप घायल हो गया था। मृतक युवक के पिता प्रताप के अनुसार घायल सूरज का लखनऊ के एक निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था।उसका काफी समय से इलाज चल रहा था लेकिन हालत ठीक नहीं थी।वहीं कल यानी बुधवार को सूरज को दवा लेने भी जाना था लेकिन उससे पहले ही सूरज की मौत हो गयी।
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मौके पर पहुंची पुलिस
अब उसकी मौत के बाद पूरे मामले की सूचना सण्डीला पुलिस को दी गयी। सूचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस ने शव का पंचनामा करने पीएम के लिए भेजा है। मामले में कोतवाल एसपी शुक्ला ने बताया कि मृतक के पिता प्रताप की तहरीर पर शव पीएम के लिए भेजा गया है।शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जायेगी।
अब युवक की मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मचा है।मृतक युवक अभी अविवाहित है और उसके एक छोटा भाई व उसकी एक छोटी बहन है।मृतक के पिता ने अपने बेटे के विवाह के सपने सजोये थे और जल्द ही घर मे बहू लाने की सोंची थी लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था।मृतक के पिता का रो रोकर बुरा हाल है।उसका कहना है कि जिसके कंधे पर उसको जाना था ठाज उसी बेटे के शव को कंधा देना पड़ रहा है।
मनोज तिवारी
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