Hardoi News: गर्भवती महिला को निजी चिकित्सालय में भर्ती कराने को लेकर आपस में भिड़ी आशा कार्यकर्ता, कमीशन का चल रहा खेल
Hardoi News: हरदोई का जिला महिला अस्पताल एक बार फिर अखाड़े में तब्दील हो गया।जिला महिला अस्पताल में दो आशा कार्यकर्ता आपस में भीड़ गई।आशा कार्यकर्ता एक गर्भवती महिला को भर्ती कराने को लेकर आपस में भीड़ गई थीं।
Hardoi News: हरदोई का जिला महिला अस्पताल एक बार फिर अखाड़े में तब्दील हो गया।जिला महिला अस्पताल में दो आशा कार्यकर्ता आपस में भीड़ गई।आशा कार्यकर्ता एक गर्भवती महिला को भर्ती कराने को लेकर आपस में भीड़ गई थीं।काफी देर तक दोनों आशा कार्यकर्ताओं में तीखी नोक झोंक होती रही। दोनों आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिला को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराना नहीं चाहते थी बल्कि कमीशन के खेल के चक्कर में निजी अस्पताल में भर्ती करने को लेकर आपस में भिड़ गई थी।
यह कोई जिला अस्पताल का पहला या नया मामला नहीं है। आय दिन आशा कार्यकर्ता जिला महिला अस्पताल में आपस में भिड़ती रहती हैं।आशा कार्यकर्ताओं का आतंक जिला महिला अस्पताल में इस कदर हावी है कि यदि कोई उनकी करतूत की वीडियो फोटो बनाता है तो यह उस पर हावी हो जाती है और फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धमकी तक दे डालती है। बीती रात जिला महिला अस्पताल में लगभग 1 घंटे तक आशा कार्यकर्ताओं के बीच बवाल होता रहा जिसके बाद एक आशा बहू द्वारा निजी अस्पताल की एंबुलेंस मंगा कर गर्भवती महिला को उससे ले जाकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
कमीशन के खेल में गर्भवती महिला की जान से होता सौदा
जिला महिला अस्पताल में ग्रामीण क्षेत्र से गर्भवती महिलाओं को जिला अस्पताल लाने पर उनको ₹600 दिए जाते हैं जबकि निजी चिकित्सालय में गर्भवती महिला को उनके अस्पताल में लेकर आने पर अच्छा कमीशन देते हैं। ऐसे में अच्छे कमीशन के चक्कर में आशा कार्यकर्ताओं का डेरा जिला अस्पताल में रहता है। जैसे ही कोई गर्भवती महिला जिला महिला अस्पताल में एंबुलेंस या अन्य संसाधन से पहुंचती है वैसी ही यह आशा कार्यकर्ता उनको घेर लेती है साथ ही जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही, स्वास्थ्य कर्मियों के रवैया, डॉक्टर के न होने का हवाला देते हुए निजी अस्पताल में कम लागत में प्रसव कराने की बात कहते हुए जिला महिला अस्पताल के बाहर खड़ी प्राइवेट एंबुलेंस से निजी अस्पताल में भर्ती करा देती हैं। जानकार बताते हैं की आशा कार्यकर्ताओं के साथ स्वास्थ्य कर्मियों की भी साथ गांठ रहती है। उन्हें भी इसका कमीशन दिया जाता है।
इसी कमीशन का खेल बीती रात को देखने को मिला जहां एक गर्भवती महिला को लेकर दो आशा कार्यकर्ताओं की आपस में तीखी नोकझोक हो गई। लगभग 1 घंटे तक दोनों आशा कार्यकर्ता एक गर्भवती महिला को लेकर लड़ती झगड़ती रही जिसके बाद लोगों के समझाने और बीच बचाव कराने पर एक आशा बहू जिला महिला अस्पताल के बाहर खड़ी निजी एंबुलेंस से गर्भवती महिला को लेकर शहर के ही एक निजी अस्पताल में चली गई।
क्या बोले जिम्मेदार
जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर सुबोध ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं की कई बार शिकायत की गई है। लेकिन शासन- प्रशासन स्तर से इन पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती है।
वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर्य देश दीपक ने बताया कि महिला चिकित्सालय से गर्भवती महिलाओं को निजी चिकित्सालय ले जाने की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी है। कई बार आशा कार्यकर्ताओं को चिकित्सालय के बाहर भी किया गया पर कड़ी कार्रवाई न होने के कारण आशा कार्यकर्ताओं की मनमानी जारी है।