Hardoi News: स्कूलों की मनमानी को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, फीस के नाम पर लोगों की जेब पर डाला जा रहा डाका
Hardoi News: शहर अध्यक्ष अनुपम दीक्षित ने कहा कि एक तरफ महंगाई की मार झेल रही जनता ऊपर से शिक्षा के नाम पर उसका शोषण सरकार और उसके पोषित शिक्षा माफियों के स्कूलों द्वारा किया जा रहा है।;
स्कूलों की मनमानी को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन (photo: social media )
Hardoi News: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर जिला व शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा बढ़ती स्कूल फीस के विरुद्ध ज्ञापन महामहिम को संबोधित द्वारा जिला अधिकारी हरदोई दिया गया। जिला अध्यक्ष विक्रम पांडे ने कहा कि सरकार और सत्ता की शह पर स्कूल प्रशासन द्वारा आए दिन स्कूल की फीस, डेवलपमेंट फीस, किताबें की फीस आदि के नाम पर आम जनमानस का शोषण किया जा रहा है।
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अब बच्चों को पढ़ना अपराध सा महसूस होता है क्योंकि एक तरफ महंगाई की मार है वही आम आदमी के लिए अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षा देना भी उसकी कमर तोड़ रहा है। जिल कांग्रेस कमेटी हरदोई की मांग पर अगर सुधार नहीं हुआ तो कांग्रेस पार्टी इसके विरुद्ध उग्र प्रदर्शन करने का कार्य करेगी।
सरकार और शिक्षा माफियाओं के स्कूलों द्वारा किया जा रहा शोषण
शहर अध्यक्ष अनुपम दीक्षित ने कहा कि एक तरफ महंगाई की मार झेल रही जनता ऊपर से शिक्षा के नाम पर उसका शोषण सरकार और उसके पोषित शिक्षा माफियों के स्कूलों द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी स्कूलों के हालात हस्त हाल है और जो प्राइवेट स्कूल है उनकी फीस इतनी ज्यादा है कि लोगों को उसमें पढ़ाना उनकी कमर तोड़ने के समान है व इस लूट तंत्र के खिलाफ आम जनमानस को सड़क पर आकर लड़ाई लड़नी होगी। इसमें कांग्रेस कमेटी उनका पूरा साथ सहयोग करेगा।
प्रवक्ता अमलेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि देश में बेरोजगारी चरम पर है। वहीं स्कूलों में लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर जब बच्चे नौकरी के काबिल होते हैं तो उनको नौकरी नहीं मिलती है एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई है। लोग इस भारतीय जनता पार्टी की सरकार से त्रस्त आ चुके हैं। लोगों का मानसिक ही नहीं सामाजिक शोषण भी सरकार द्वारा किया जा रहा है। आम लोगों को आगे आकर इसके खिलाफ दो दो हाथ करने होगे तभी यह सरकार के कान खुलेंगे।
महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुनीता देवी ने कहा कि इस भीषण महंगाई में जहां एक तरफ अभिभावकों के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा वहीं स्कूलों के इस लोकतंत्र के कारण वे घनघोर मासिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं।