Hardoi News: खेतों में आवारा पशु के आते ही किसान के मोबाइल पर आएगा संदेश, इस कंपनी ने बना दी ऐसी डिवाइस
Hardoi News: कंपनी का कहना है कि इस डिवाइस को लगाने से जैसे ही कोई आवारा पशु खेत में प्रवेश करेगा किसान को उसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। वह आवारा पशु से अपने खेत को बचा सकेगा।
Hardoi News : यूपी में आवारा पशु सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं। आवारा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इन पशुओं से किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, आए दिन सड़क हादसों की वजह भी बन रहे हैं। किसानों को फसल की रखवाली के लिए समय देना पड़ता है। जिला प्रशासन और सरकार स्तर पर आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कई बार अभियान चलाए गए। उन्हें गौ आश्रय स्थल भी भेजा गया। करोड़ों खर्च होने के बावजूद लोगों की परेशानी जस की तस है।
गौ आश्रय स्थल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जिसका नतीजा यह है कि गौ आश्रय भेजे गए पशु थोड़ी ही देर बाद वापस सड़कों व खेतों में नजर आने लगते हैं। प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या को देखते हुए एक निजी कंपनी द्वारा एक डिवाइस तैयार की है।
पशु के खेत में प्रवेश करते ही डिवाइस देगा जानकारी
कंपनी का कहना है कि इस डिवाइस को लगाने से जैसे ही कोई आवारा पशु खेत में प्रवेश करेगा किसान को उसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। वह आवारा पशु से अपने खेत को बचा सकेगा। कंपनी के डायरेक्टर ने बताया कि इस डिवाइस को सरकार के सामने प्रस्तुत किया गया है।सरकार से अनुमति मिलने के बाद उम्मीद है दिसंबर तक यह डिवाइस बाजार में आ जाएगी।इसके बाद किसान आराम से रात में सो सकेगा।
खेतों में बजेगा अलार्म, किसान भेज सकेंगे संदेश
गोल्ड सनशाइन एग्रो टेक सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर उज्जवल सिंह शैलेंद्र (Ujjwal Singh Shailendra) जो कि उत्तराखंड सरकार में पूर्व राज्य मंत्री भी रह चुके हैं, ने बताया गया कि प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या दिन पर दिन बढ़ गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान किसान है। किसान को राहत देने के लिए कंपनी के डायरेक्टर ने बताया कि हमारे द्वारा एक जबरदस्त एप्लीकेशन तैयार की है जो किसानों के फसलों की सुरक्षा करेगी। नीलगाय और अन्य पशुओं की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं उसके लिए हमारे द्वारा एक स्मार्ट डिवाइस बनाया गया है।
किसानों के मोबाइल से होगा जुड़ा
उन्होंने बताया, यह किसानों के मोबाइल में एक एप्लीकेशन के द्वारा इनस्टॉल किया जाएगा, जो खेतों के बीच में लगाया जाएगा। इसके बाद खेतों में कोई भी एक्टिविटी होगी वह किसान को उनके मोबाइल पर तुरंत पता चल जाएगी। इसके बाद किसान अपना एक संदेश भेज सकते हैं अलार्म बजा सकते हैं। जिससे काफी हद तक पशु डर के भाग जाएगा जिससे कि किसानों को एक बड़ी राहत मिलेगी। अभी कंपनी द्वारा इंडिया कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर को अपनी प्रस्तुति दी है जिसमें हमें मानक तय करते हुए वह सेटिस्फाई करेंगे उसके बाद दिसंबर तक यह डिवाइस मार्केट में आ जाएगी।कंपनी के डायरेक्टर ने बताया कि इस डिवाइस की बाजार में कीमत लगभग 1500 के आसपास रहेगी।इस डिवाइस से प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा पहुंचेगा।