Hardoi News: फ्लिपकार्ट की सहयोगी पार्टनर के कर्मचारी लगा रहे उपभोक्ताओं को चुना, मोबाइल रिप्लेसमेंट के नाम पर खेल, पुलिस ने किया गिरफ्तार
Hardoi News: कुछ जालसाजों द्वारा उपभोक्ता को कंपनी का फर्जी आई-कार्ड दिखाकर मोबाइल फोन लेकर चले जाते हैं।
Hardoi News: हरदोई। कुछ व्यक्तियों द्वारा फ्लिपकार्ट ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के माध्यम से मोबाइल फोन खरीद कर उनमें तकनीकी खराबी होने पर फोन को रिप्लेसमेंट के लिये कंपनी को सूचित किया जाता है। लेकिन कुछ जालसाजों द्वारा उपभोक्ता को कंपनी का फर्जी आई-कार्ड दिखाकर मोबाइल फोन लेकर चले जाते हैं। उक्त प्रकरणों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक हरदोई के कुशल निर्देशन, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी के निकट पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी बघौली साइबर अपराध के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों द्वारा ऑनलाइन प्राप्त होने वाली शिकायतों का गहन विश्लेषण कर वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर इस तरह की ठगी करने वाले अपराधियों के संबंध में गहनता से जांच शुरू की गयी।
इस प्रकार के साइबर अपराधों के संबंध में मुखबिरों को लगाया गया। इसी क्रम में 29 सितंबर को बघौली पुलिस टीम थाना क्षेत्र में लगी थी तभी मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि लखनऊ रोड स्थित गदनपुर मोड के निकट तीन शातिर साइबर अपराधी मौजूद हैं। पुलिस टीम द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर वहां पर मौजूद तीनों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों से उनका नाम व पता पूछने पर अन्जुल कुमार पुत्र श्याममुरारी निवासी म.नं 76 खूबपुर विकास नगर कॉलोनी थाना रामकोट जनपद सीतापुर, कार्तिकेय शरण मिश्रा पुत्र शम्भूशरण मिश्रा निवासी 39 लोहार बाग, कोतवाली शहर जनपद सीतापुर, सुन्दरम मौर्य पुत्र शिवकुमार निवासी मूसेपुर थाना व पोस्ट खीरी जनपद खीरी ज्ञात हुआ। जिनकी जामातलाशी में 07 अदद स्मार्ट स्क्रीन टच फोन, 02 अदद फर्जी मोबाइल बिल व 02 अदद जीवस कम्पनी फर्जी आईडी कार्ड बरामद किये गए।
कंपनी के कर्मचारियों की मिली भगत से होता है काम
पुलिस टीम द्वारा पकड़े गये साइबर अपराधियों से कूटरचित आईकार्ड, कूचरचित मोबाइल बिल व मोबाइल फोन के संबंध में कड़ाई से पूछताछ की गयी तो बताया कि अभियुक्त अन्जु कुमार जीवीस कम्पनी में रजिस्टर्ड वेण्डर के रुप में कार्य करता था जो ग्राहक की शिकायत पर ग्राहक के पास पहुंचकर मोबाइल फोन व अन्य एसेसरीज को चेक करता था। यदि डिवाइस ठीक हो सके तो उसको मौके पर ही ठीक कर देता था अन्यथा रिप्लेसमेंट एप्रेुवल कर देता था। परंतु विगत वर्ष से अभियुक्त अन्जुल कुमार ने अपने 02 अन्य साथियों कार्तिकेय व सुन्दरम की सहायता से उन दोनों का कूटरचित आईकार्ड तैयार किया जोकि जीवीस कम्पनी में कार्यरत नहीं थे। वह फर्जी आई-कार्ड लेकर रिप्लेसमेंट डिवाइस को लेने ग्राहक के पास पहुंच जाते थे तथा जालसाजी कर ग्राहकों से डिवाइस लेकर वापस जाते थे। अभियुक्तों द्वारा कूटरचित मोबाइल बिल तैयार कर मोबाइल फोन को विक्रय कर देते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना बघौली व कोतवाली देहात पर पंजीकृत किया गया हैं।
लगाई जाती है फर्जी रिपोर्ट
अभियुक्तों द्वारा जब किसी ग्राहक ने फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन शॉपिंग ऐप के माध्यम से कोई मोबाइल एवं अन्य एसेसरीज खरीदा एवं उस मोबाइल व एसेसरीज में कुछ टेक्निकल कमी होती है तो ग्राहक फ्लिपकार्ट ऑनलाइन शॉपिंग ऐप के माध्यम से कम्पलेन्ट दर्ज कराता है। दर्ज की गयी कम्पलेंट के समाधान हेतु फ्लिपकार्ट कम्पनी अपनी सर्विस पार्टनर कम्पनी जीवीस के माध्यम से टेक्नीशियन को ग्राहक के पास भेजकर रिपेयर एंड मेन्टीनेन्स का काम करवाती है। यदि समस्या का समाधान हो जाता है तथा ग्राहक सन्तुष्ट हो जाता है तब वह कम्पलेंट वहीं क्लोज कर दी जाती है और यदि जीवीस कम्पनी का टेक्नीशियन ग्राहक के मोबाइल को रिप्लेस्मेन्ट के लिये ऐपरूवल दे देते हैं तो कोरियर कम्पनी का डिलिवरी ब्वाय आकर उस सामान को वापस ले जाकर कम्पनी को भेज देता है।
परन्तु अभियुक्तगण के द्वारा ऐसा न करके कम्पलेन्ट प्राप्त होने पर दो प्राइवेट व्यक्तियों को कूटरचित आईडी कार्ड देकर भेजकर पीड़ित का मोबाइल फोन अथवा अन्य सामान प्राप्त करके फर्जी बिल तैयार कर उसको ओएलएक्स व अन्य माध्यम से बेच देते हैं एवं जब ग्राहक अपने मोबाइल के सम्बन्ध में पुनः फ्लिपकार्ट को कम्पलेट करते थे जिसके सम्बन्ध में फ्लिपकार्ट कम्पनी अपनी सर्विस पार्टनर कम्पनी जीवीस के पास इन्क्वायरी भेजती थी वह इन्कवायरी जाँच हेतु जीवीस कम्पनी के उस टेक्नीशियन के पास पहुँचती थी जोकि ग्राहक के पास मोबाइल चेक करने गया था। जाँच रिपोर्ट में वह टेक्नीशियन रिपोर्ट लगा देते थे कि मैं मोबाइल लेकर नहीं आया। इस तरीके से यह अभियुक्तगण मिलकर धोखाधड़ी एवं जालसाजी के द्वारा आईडी एवं बिल तैयार कर अपराध कारित करते हैं।