बहाना नहीं चलेगा! बिना जांच के नहीं कटेगा नाम, इतने कर्मचारियों ने चुनाव ड्यूटी से राहत के लिए किया आवेदन
Hardoi News: सरकारी कर्मचारी मतदान ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए ऊंची सिफारिश लगवाने की जुगत में लगे हुए हैं। लेकिन मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर ही कर्मचारियों को ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा।
Hardoi News: लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाती है। प्रत्येक चुनाव में सरकारी कर्मचारियों को पीठासीन, मतदान कर्मी बनाकर मतदान करवाया जाता है। हर विभाग से कुछ कर्मचारियों को मतदान कराने के लिए भेजा जाता है। यह कर्मचारी गैर जनपद में जाकर मतदान कराते हैं। इसी के साथ देश के लोकतंत्र में अहम भूमिका निभाते हैं। पुलिस बल के साथ-साथ जिला प्रशासन के तमाम विभागों से महिला व पुरुष कर्मचारियों की नियुक्ति जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों द्वारा की जाती है। इसके बाद इन्हें मतदान स्थल पर मतदान कराने के लिए भेजा जाता है। इसके लिए मतदान कर्मियों को अलग से मानदेय भी दिया जाता है। लेकिन फिर भी कुछ कर्मचारी बीमारी या अन्य बहाने बाजी कर मतदान ड्यूटी से बचने का प्रयास करते हैं।
मतदान ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए सिफारिश का भी दौर जारी रहता है पहुंच वाले लोग अपनी ऊंची सिफारिश लगवा कर मतदान ड्यूटी से नाम कटा लेते हैं। ऐसे ही इस वर्ष लोकसभा चुनाव में हरदोई से समस्त विभागों से कर्मचारियों की मतदान में ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटी लगाई जाने से बाद कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति देखने को मिली। लोग ड्यूटी से नाम कटवाने की लगातार जुगत में लगे हुए हैं।
मेडिकल पैनल करेगा अस्वस्थ कर्मचारियों की जाँच
मतदान ड्यूटी न करने वाले कर्मियों को ड्यूटी कटवाना अब आसान नहीं होगा ना ही ड्यूटी कटवाने को लेकर कोई सिफारिश चलने वाली है। जिला प्रशासन की ओर से मतदान में ड्यूटी न करने वालों के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया है जिस पर कर्मचारी अपनी समस्या को बताएंगे जिसके बाद उच्च अधिकारियों द्वारा जांच कर कर्मचारी की ड्यूटी को काटा जाएगा।
हरदोई में 124 सरकारी कर्मचारियों ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए पोर्टल पर मतदान ड्यूटी से राहत मांगी है जिसको लेकर प्रभारी अधिकारी कार्मिक प्रशिक्षण सीडीओ सौम्या गुरु रानी ने बताया कि पोर्टल पर कर्मचारियों ने गंभीर अस्वस्थ होना अंकित किया है। ऐसे कर्मचारियों को चयनित कर लिया गया है सभी को उनके विभाग अध्यक्षों के माध्यम से आज विकास भवन में सीएमओ की निगरानी में मेडिकल बोर्ड के परीक्षण की जानकारी दी है।
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर मिलेगी राहत
सीएमओ को मेडिकल बोर्ड गठन की जिम्मेदारी सौंप गई है मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर ही कर्मचारियों को ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा यदि इनमें से कोई कर्मचारी फिट पाया जाता है और उसके द्वारा अपने आप को अनफिट बता कर ड्यूटी से बचाना चाहा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।