Hardoi News: तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़े छात्र-छत्राओं के चलते महाविद्यालयों में रिक्त रह गई 40 प्रतिशत सीटें
Hardoi News: अब छात्र-छात्राओं की रुचि स्नातक की पढ़ाई से हटकर डिग्री डिप्लोमा की ओर हो गई है। जिसके चलते अब स्नातक के कॉलेज में छात्र छात्राओं को बड़े ही आराम से दाखिला मिल जा रहा है।
Hardoi News: प्रदेश में अब से लगभग तीन-चार वर्ष पूर्व स्नातक की पढ़ाई के लिए कॉलेज में दाखिला नहीं मिलता था। सरकारी से लेकर निजी कॉलेजों तक में छात्र-छात्राओं को दाखिले के लिए काफी प्रायस करना होता था लेकिन अब स्नातक के कॉलेज में छात्र-छात्राओं द्वारा एडमिशन ही नहीं लिया जा रहा है, जिससे कि वहां पर जाने छात्र-छात्राओं की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है।
हरदोई में प्राइवेट विद्यालय के साथ कई सरकारी व अर्ध सरकारी महाविद्यालय में सीटों के लिए छात्र-छात्राओं को कड़ी मशक़्क़त करनी पड़ती थी। यहां तक कॉलेज में दाखिले के लिए सिफारिश का भी दौर चला करता था। लेकिन अब छात्र-छात्राओं की रुचि स्नातक की पढ़ाई से हटकर डिग्री डिप्लोमा की ओर हो गई है। जिसके चलते अब स्नातक के कॉलेज में छात्र छात्राओं को बड़े ही आराम से दाखिला मिल जा रहा है। साथ ही बहुत सारी सीट इन कॉलेज में खाली जा रहीं हैं। छात्र-छात्राओं के दाखिला न लेने से स्नातक की पढ़ाई कराने वाले प्राइवेट कॉलेज को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। एक समय में हरदोई जनपद दसवीं से लेकर स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रदेश में जाना जाता था लेकिन अब यहां स्नातक के छात्र-छात्राये महाविद्यालय में दाखिला नहीं ले रही हैं।
तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़ रहे छात्र-छात्राये
बढ़ते कंपटीशन के दौर में अब छात्र- छात्राओं का स्नातक की पढ़ाई से मोह भंग हो गया है।स्नातक की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राएं एमबीए,एमसीए,बी एड, डीएलएड आदि कोर्स की ओर अपना रुझान कर रहे हैं।ऐसे में हरदोई जनपद संचालित हो रहे स्नातक व परस्नातक की शिक्षा देने वाले राजकीय व एडेड महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के न पहुंचने से लगभग 40% से अधिक सीट खाली रह गई हैं वहीं जनपद में एक समय था कि जब स्नातक पर परस्नातक में दाखिला लेने के लिए बच्चों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा रहना पड़ता था साथ ही महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को सिफारिश लगवानी पड़ती थी।
जनपद हरदोई में दो राजकीय व एडिट महाविद्यालय संचालित हैं। राजकीय महाविद्यालय हरदोई व पिहानी में बीएससी,बीए, बीकॉम के अलावा एमएससी की कक्षाएं संचालित होती है जबकि शहर के सीएसएन पीजी कॉलेज में बीए, बीकॉम,एमकॉम की कक्षाएं संचालित होती हैं वहीं छात्राओं के लिए आर्य कन्या महाविद्यालय में बीए की कक्षाएं संचालित होती हैं।उनके अतिरिक्त जनपद में कई निजी महाविद्यालय भी संचालित होते हैं। इस वर्ष इन सब महाविद्यालय को मिलाकर भी 40% सिम खाली रह गई।
कहा कितनी सीट रही ख़ाली
शहर में संचालित आर्य कन्या महाविद्यालय में बीए की 360 सीट में से 100 सीटर रिक्त रह गई है जबकि 260 छात्राओं ने महाविद्यालय में दाखिला लिया है वहीं सीएसएनपीजी कॉलेज में बीए के 660 सीटों में से 160 सीट रिक्त रह गई यहां पर 500 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया। सीएसएनपीजी कॉलेज में पहली बार शुरू हुए बीकॉम संकाय में 60 में से 32 हुआ बीबीए में 60 में से 16 सीटों पर ही केवल प्रवेश हो सका एमए हिंदी की 60 व भूगोल की 40 सीट फूल हुई है।संस्कृत में 60 में से 12, राजनीतिक शास्त्र में 120 में से 82, समाजशास्त्र में 60 में से 52 व अर्थशास्त्र में से 60 में से 21 सीटों पर ही छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है।