हाथरस कांड ने खोल दी योगी सरकार के पुलिस राज की पोल

योगी सरकार में क्या पुलिस राज कायम हो चुका है। हाथरस में जिस तरह से पुलिस मीडियाकर्मियों के साथ उलझ रही है उनके साथ अभद्रता की जा रही है।

Update:2020-10-02 15:41 IST
हाथरस कांड ने खोल दी योगी सरकार के पुलिस राज की पोल (social media)

लखनऊ: हाथरस गैंगरेप मामला हर रोज योगी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत में तब्दील होता दिख रहा है। आपराधिक वारदात से निपटने में सरकार ने जो तौर-तरीके अपनाए हैं । जिस तरह पीड़ित परिवार को कैद किया गया है और मीडिया को गांव में प्रवेश नहीं मिल रहा है उसने योगी सरकार में पुलिस राज का आरोप लगाने का मौका दे दिया है। गांव से भाग कर आए छोटे से बच्चे ने सरकार और पुलिस की कारस्तानी सभी के सामने उजागर कर दी है।

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योगी सरकार में क्या पुलिस राज कायम हो चुका है

योगी सरकार में क्या पुलिस राज कायम हो चुका है। हाथरस में जिस तरह से पुलिस मीडियाकर्मियों के साथ उलझ रही है उनके साथ अभद्रता की जा रही है। मीडियाकर्मियों को गांव के अंदर जाकर पीडित परिवार से मिलने से रोका जा रहा है। पीड़ित परिवार को घर के अंदर कैद कर लिया गया है। उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए हैं। यह सब तरीके साफ चुगली कर रहे हैं कि योगी सरकार अब लोकतांत्रिक तरीके के बजाय पुलिस राज चला रही है।

जमीन पर सरकार का इकबाल नहीं पुलिस की वर्दी की धौंस चल रही है। शुक्रवार को पीड़ित परिवार का एक दस साल का बच्चा गांव से छुपकर भाग निकला और उस स्थान पर पहुंचा जहां पुलिस ने मीडिया के लोगों को रोक रखा है। पीड़ित बच्चे ने मीडिया को बताया है कि वह घर से बचकर भाग आया है। गांव में पुलिस ने परिवार के सभी लोगों को कैद कर रखा है। सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। किसी को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है।

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महिला पत्रकारों को पुरुष पुलिसकर्मियों ने रोका, उन्हें जबरन हिरासत में लेने की कोशिश भी की गई।

दूसरी ओर इससे पहले शुक्रवार की सुबह जब मीडियाकर्मियों ने गांव के अंदर जाने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ हद दर्जे की बदसलूकी की। महिला पत्रकारों को पुरुष पुलिसकर्मियों ने रोका। उन्हें जबरन हिरासत में लेने की कोशिश भी की गई। एक दिन पहले भी हाथरस के प्रशासनिक अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों के साथ अभद्रता की थी। मीडियाकर्मियों को गांव की ओर नहीं जाने दिया जा रहा है। योगी सरकार का पीड़ित परिवार के सदस्यों से लोगों को मिलने से रोकना साफ दर्शाता है कि सरकार के अधिकारी दमन के आधार पर मामले को निपटाने में लगे हैं लेकिन इससे योगी सरकार पर राजनीतिक दलों की ओर से गाहे-बगाहे लगाए जाने वाला पुलिस राज का आरोप पुख्ता होता दिखाई दे रहा है।

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हाथरस गैंगरेप मामला गांव की एक दलित युवती के साथ आपराधिक वारदात से संबंधित है लेकिन योगी सरकार की पुलिस ने इस मामले को अपने काम -काज की शैली से राजनीति का मुद्दा बना दिया है। पूरे मामले से निपटने में योगी सरकार लगातार फेल दिखाई दी है। आरटीआई एक्टीविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने भी बयान जारी कर कहा कि जिस तरह से एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान आया है उसने स्पष्ट कर दिया कि यूपी में पुलिस राज कायम हो चुका है।

अखिलेश तिवारी

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