हाथरस कांड: पीड़ित परिवार को धमकियां दे रहे DM, वायरल वीडियो से उठे सवाल

पीड़ित परिवार के मुताबिक मामले को रफा-दफा करने के लिए प्रशासन की ओर से दबाव भी डाला जा रहा है। इसके साथ ही लोगों की आवाजाही रोकने के लिए पीड़िता के गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की भी तैयारी है।

Update:2020-10-01 22:00 IST
गैंगरेप के बाद दलित लड़की की मौत और फिर उसके शव के जोर जबर्दस्ती से अंतिम संस्कार के कारण लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है और प्रदेश की योगी सरकार आरोपों के घेरे में आ गई है।

लखनऊ पूरे देश को झकझोर देने वाले हाथरस कांड में अब डीएम प्रवीण कुमार भी गंभीर आरोप में घिरते जा रहे हैं। गैंगरेप के बाद दलित लड़की की मौत और फिर उसके शव के जोर जबर्दस्ती से अंतिम संस्कार के कारण लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है और प्रदेश की योगी सरकार आरोपों के घेरे में आ गई है। ऐसे में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

गैंगरेप पीड़िता के परिजनों ने जिलाधिकारी पर धमकाने और दबाव डालने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित परिवार के मुताबिक मामले को रफा-दफा करने के लिए प्रशासन की ओर से दबाव भी डाला जा रहा है। इसके साथ ही लोगों की आवाजाही रोकने के लिए पीड़िता के गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की भी तैयारी है।

 

 

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वीडियो

आवाज को दबाने की प्रशासन की कोशिश

गैंगरेप पीड़िता की भाभी का कहना है कि मुआवजे की बात कहकर हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। हमसे कहा जा रहा है कि अगर लड़की की मौत कोरोना से हो जाती तो क्या मुआवजा मिल पाता। अनीता की भाभी का कहना है कि परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। पापा को भी धमकी देकर आवाज बंद करने की कोशिश की जा रही है। भाभी को इस बात का डर सता रहा है कि अब उन लोगों को यहां नहीं रहने दिया जाएगा।

 

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सोशल मीडिया से

 

वायरल वीडियो में डीएम दे रहे धमकी

इस बीच डीएम का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे पीड़ित परिवार को धमकी देते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो में डीएम प्रवीण कुमार पूरे परिवार से कह रहे हैं की मीडिया वाले तो एक-दो दिन दिखेंगे और फिर चले जाएंगे मगर प्रशासन के लोगों को यही रहना है।

डीएम पीड़ित परिवार से यह भी कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे मगर हम आपके साथ खड़े हैं। ऐसे में अब आपकी इच्छा है कि आपको अपना बयान बदलना है या नहीं।

गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की तैयारी

जिलाधिकारी प्रवीण कुमार का कहना है कि मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट में पीड़िता से रेप की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के निजी अंगों पर कोई चोट नहीं थी। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिसकर्मियों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हमने कोरोना लक्षण वाले पुलिसकर्मियों से कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा है। यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सभी बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाएगी।

 

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सोशल मीडिया से

एसआईटी ने गांव में शुरू की जांच पड़ताल

इस बीच एसआईटी ने चंदपा गांव पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने बताया कि एसआईटी की टीम ने युवती के परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की है। एसआईटी सभी के बयान दर्ज कर रही है और उसने अपराध स्थल का मुआयना भी किया है। हाथरस जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भीड़ लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

युवती के साथ रेप न होने का दावा

उधर एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि गले में चोट लगने और सदमे की वजह से युवती ने दम तोड़ा है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट से यह बात जाहिर हुई है कि युवती के साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस को दिए गए बयान में भी युवती ने अपने साथ रेप होने की बात नहीं कही थी। उस समय युवती की ओर से सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया गया था।

रिपोर्टर अंशुमान तिवारी

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