HC : पार्क को कब्रिस्तान बता जमीन कब्जाने का आरोप, हटेंगी दुकानें

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इंदिरा नगर के बी- ब्लॉक में बस्तौली गांव में आवास विकास के एक पार्क में निर्मित दुकानों को हटाने के आदेश दिए हैं।

Update: 2017-10-25 14:48 GMT

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गाजीपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर, लखनऊ के बी- ब्लॉक में बस्तौली गांव में आवास विकास के एक पार्क में बनीं दुकानें हटाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि विवादित जमीन पार्क है अथवा कब्रिस्तान, यह 5 दिसंबर को अंतिम सुनवाई में तय किया जाएगा। कोर्ट ने मामले के विचाराधीन रहने के दौरान उक्त जमीन पर शव दफन करने पर भी रोक लगाई है।

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने संतोष कुमार पांडेय की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किए। याची का कहना था कि बी- ब्लॉक के बस्तौली गांव में पार्क के स्थान को कब्रिस्तान बता कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके एक भाग में पक्की दुकानें भी बना दी गई हैं।

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वहीं याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि विवादित जमीन के एक हिस्से में कब्रिस्तान है। प्रतिवादी का कहना है कि यह एक वक्फ संपत्ति है। आवास आयुक्त ने कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुपालन में शपथ पत्र दाखिल कर बताया कि विवादित जमीन पर पार्क ही है।

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जिस पर कोर्ट ने कहा कि उक्त जमीन पर कुछ पक्की दुकान विकास प्राधिकरण अथवा आवास विकास की अनुमति के बिना बनाई गई हैं। कब्रिस्तान और पार्क दोनों पर व्यावसायिक गतिविधि की भी अनुमति नहीं है।

इस पर आवास विकास की ओर से इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए छह सप्ताह का समय दिए जाने की मांग की गई। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए तय समय सीमा में अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए। इसके साथ ही उक्त जमीन पर मामले के विचाराधीन रहने तक बतौर कब्रिस्तान प्रयोग किए जाने पर भी रोक लगा दी है।

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