इलाहाबाद : सहायक अध्यापक बने 16448 शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें बिना एनओसी के काउंसिलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद के 16 अगस्त के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यदि विभाग चाहे तो चयन के बाद एक निश्चित अवधि में एनओसी मांग सकता हैै।
26 लोगों ने दायर की थी याचिका
संदीप कुमार चैरसिया सहित 26 अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने बेसिक शिक्षा परिषद और प्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। याची का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने कहा कि याचीगण शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए हैं। उनका प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। भविष्य की आशंका को देखते हुए उन्होंने 16448 सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने के लिए आवेदन किया था।
सचिव ने जारी किया था सर्कुलर
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने बीते 16 अगस्त को सभी बीएसए को सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया था कि समायोजित शिक्षामित्रों को तभी काउंसिलिंग में शामिल करने की अनुमति दी जाए जब वह अपने नियोक्ता द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्रस्तुत करें।
सचिव के आदेश पर रोक
कोर्ट ने सचिव के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि इस प्रकार का प्रतिबंध अनुचित है। विभाग चाहे तो चयनित होने के बाद एनओसी मांगा जा सकता है। याचिका पर 17 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।