औरैया में हेड मोहर्रिर ने थाने परिसर में किया सुसाईड, 31 दिसंबर को होना था रिटायर
कानपुर : जनपद औरैया में मंगलवार को थाने के हेड मोहर्रिर ने थानें परिसर में लगे एक पेड़ से लटकर सुसाईड कर लिया। हेड मोहर्रिर का एक माह बाद रिटायर्ड मेंट था। थाने परिसर में पर सिपाही का पेड़ से लटकता शव देख पुलिस विभाग में हडकंप मच गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों और फारेंसिक टीम ने शव को फंदे से उतार घटना स्थल का निरिक्षण किया। पुलिस ने सिपाही के सुसाईड की सूचना परिजनों को देते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दरसल सिपाही दमे की बीमारी से पीड़ित था और बीते कई माह से समय से पहले वीआरएस लेने की गुहार उच्च अधिकारियों से लगा चुका था। लेकिन । ने उसकी नहीं सुनी। प्रदेश के पुलिस विभाग ने कुछ ही महीनो में 2 आईपीएस 5 सिपाहियों और एक दरोगा को खोया है सभी की सुसाईड की वजह डिप्रेसन रहा है।
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औरैया जिले के सहायल थाने में सोबरन सिंह हेड मोहर्रिर के पद पर बीते दो साल से तैनात थे। सोबरन सिंह मूलरूप से मैनपुरी के रहने वाले थे ,लेकिन उनका परिवार ईटावा में शिफ्ट हो गया था। सोबरन सिंह का 31 दिसंबर 2018 को रिटायर्मेंट था। सोबरन सिंह दमे की बीमारी से बीते लगभग 10 साल से परेशान थे। जिसकी वजह से उन्हें काम करने में समस्या का सामना करना पड़ता था। जानकारी के मुताबिक सोबरन सिंह को फर्द लिखने में महारत हासिल थी।
मृतक सिपाही के बेटे ओम चंद के मुताबिक पापा की तबियत ख़राब रहती थी। जिसकी वजह से वो ठीक ढंग से काम नही कर पाते थे। काम का दबाव होने की वजह से वो तनाव में रहते थे ,यदि काम बाधित होता था तोअधिकारियों की डांट और रपट लिखने की धमकी दी जाती थी। बीमारी की वजह से पापा समय से पहले कई माह से समय से पहले रिटायर होने की गुहार अधिकारियों से लगा रहे थे लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी जिसका नतीजा उन्हें अपनी जान गँवा कर देना पड़ा।
सीओ औरैया श्योदान सिंह के मुताबिक सोबरन सिंह सहायल थाने में हेड मोहर्रिर थे। मंगलवार को उनका शव थाने परिसर में लगे पेड़ से लटकता हुआ पाया गया था। उनके परिवार के सदस्य भी आ चुके है ,इसके साथ ही घटना की जाँच की जा रही है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।
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सितम्बर और अक्टूबर का माह यूपी पुलिस के लिए रहा है अशुभ
5 सितम्बर 2018 को कानपुर एसपी पूर्वी सुरेन्द्र दास ने सल्फास खाया था। पांच दिनों तक जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष करते रहे और 09 सितम्बर को उन्होंने अंतिम सास ली। आईपीएस सुरेन्द्र दास 2014 बैच के आईपीएस थे। उनकी गिनती ईमानदार अफसरों में थी ,पूरे परिवार को उन पर नाज था लेकिन उन्होंने सुसाईड क्यों किया अभी भी यह एक रहस्य बना हुआ है।
16 जुलाई 2018 को कानपुर के चमनगंज थाने में तैनात महिला सिपाही मिनी चौधरी (23) की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गयी थी। महिला सिपाही की बॉडी उनके ही रूम में मिली थी।
02 अक्टूबर 2018 को कानपुर देहात के गजनेर थाने में तैनात सिपाही राम नरेश यादव (57) ने गस्त के दौरान सरकारी रायफल से गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।
15 अक्टूबर 2018 को हरदोई में तैनात सिपाही संदीप यादव ने सुसाईड किया था ,जिसमे मृतक के भाई ने अधिकारियो पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।
30 सितम्बर 2018 को बाराबंकी की हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात महिला सिपाही प्रियंका ने रूम में सुसाईड कर लिया था l सिपाही ने एक सुसाईड नोट भी लिखा था जिसमे थाना प्रभारी और अन्य लोगो पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।
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02 अक्टूबर 2018 को फरुखाबाद जनपद में तैनात दरोगा तार बाबु तरुण ने ड्यटी के दौरान खुद को सर्विस रिवाल्वर से गोली मार कर सुसाईड कर लिया था l तार बाबु तरुण पुलिस में तैनात था और उसकी ड्यूटी शाहजहापुर में लगायी गयी थी जहा पर वीआईपी को आना था।
यूपी एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने भी सुसाईड किया था।
लगातार पुलिस कर्मियों द्वारा सुसाइड करने से पुलिस विभाग चिंतित है। इसके लिए सभी जनपदों में पुलिस कर्मियों की काउंसिलिंग करायी जा रही है। इसके साथ ही हफ्ते में एक दिन की छुट्टी का भी प्रावधान रखा गया है। ताकि 24 घन्टे काम करने वाले पुलिस कर्मी आराम कर सके।