सहायक अध्यापकों की 16,448 भर्तियों का मामला, कोर्ट ने कहा- खाली पदों पर हो नियुक्ति
इन सीटों को अगली भर्ती के लिए कैरी फारवर्ड नहीं किया जा सकता है। 9 पद एसटी के रिक्त रह गये हैं जिन पर नियमानुसार एससी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए। 30 पद ऐसे हैं जिन पर चयनित अभ्यर्थी दूसरे जिलों में चले गये। इन रिक्त पदों पर चयन के लिए योग्य लोगों पर विचार किया जाए।
इलाहाबाद: प्राथमिक विद्यालयों में 16,448 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में हाईकोर्ट ने विशेष आरक्षित कोटे के कैरी फॉरवर्ड हुए रिक्त पदों पर श्रेणीवार नियुक्ति देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एसटी कोटे की बची सीटों को एससी अभ्यर्थियों से और दूसरे जिलों में ज्वाइन करने के कारण रिक्त हुई सीटों को चयनित अभ्यर्थियों से भरने का भी आदेश दिया है।
रिक्त पदों पर हो नियुक्ति
-कुशीनगर के राजीव कुमार राठौड़ और अन्य की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने दिया।
-याची के अधिवक्ता ने बताया कि कुशीनगर जिले में सहायक अध्यापकों की 607 सीटें थीं, जिनके लिए प्रथम चरण की काउंसिलिंग 16 और 17 अगस्त को और दूसरे चरण की 24 अगस्त को हुई।
-याचीगण कुछ अंक कम होने के कारण चयनित नहीं हो सके।
-याचिका में मांग की गयी थी कि विशेष आरक्षित कोटे की (एक्स सर्विस मैन, विकलांग और स्वतंत्रता सेनानी आश्रित) 99 सीटें खाली रह गयीं।
-लेकिन 7 अप्रैल 16 के शासनादेश के अनुसार अब इन सीटों को अगली भर्ती के लिए कैरी फारवर्ड नहीं किया जा सकता है।
-इसी प्रकार से 9 पद एसटी के रिक्त रह गये हैं जिन पर नियमानुसार एससी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए।
-साथ ही, 30 पद ऐसे हैं जिन पर चयनित अभ्यर्थियों का चयन दूसरे जिलों में होने के कारण वह छोड़कर चले गये है।
-कोर्ट ने बीएसए कुशीनगर को आदेश दिया है कि यदि याचीगण योग्यता रखते हैं तो उनका इन रिक्त पदों पर चयन हेतु विचार किया जाए।
विशारद और बीटीसी पर निर्णय हो
-एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़ को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत 9 जनवरी 95 से पहले की बुनियादी शिक्षा विशारद डिग्री को बीटीसी के समकक्ष मान्य करने के प्रत्यावेदन को निर्णीत करने का निर्देश दिया है।
-यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने संजय कुमार सिंह व दो अन्य की याचिका पर दिया है।
-इनका कहना था कि बुनियादी शिक्षा विशारद डिग्री बीटीसी के समकक्ष है किन्तु बीएसए मान्यता नहीं दे रहे हैं।
-याचीगण ने 1997 में पाठयक्रम उत्तीर्ण किया है।
देरी से ही सही, ज्वाइनिंग हो
-एक और मामले में हाईकोर्ट ने जूनियर हाईस्कूल में पांच अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
-इन अभ्यर्थियों को चयन के बाद नियुक्ति पत्र जारी किया गया था, मगर चुनाव में व्यस्तता के चलते ये नियत समय में ज्वाइन नहीं कर पाए और बाद में इन्हें नियुक्ति नहीं दी गई थी।
-यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने जारी किया।
-कोर्ट ने बीएसए अलीगढ़ को आदेश दिया है कि याचीगण को एक माह के भीतर ज्वाइन कराया जाए।