इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कर्मियों को ज्यादा वेतन वसूली से मिली राहत, HC ने घटाई रकम
गलत वेतन निर्धारण के आधार पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से की जा रही वसूली के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार कर्मचारियों को राहत दी है। कोर्ट ने वसूली की राशि घटाकर ढाई हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया है और साथ ही कहा है कि यह वसूली भी याचिका पर होने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कृष्ण नारायण मिश्र और नौ अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्र सुनवाई कर रहे हैं।;
इलाहाबाद: गलत वेतन निर्धारण के आधार पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से की जा रही वसूली के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार कर्मचारियों को राहत दी है। कोर्ट ने वसूली की राशि घटाकर ढाई हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया है और साथ ही कहा है कि यह वसूली भी याचिका पर होने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कृष्ण नारायण मिश्र और नौ अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्र सुनवाई कर रहे हैं।
क्या है मामला ?
-याची के वकील अनूप त्रिवेदी ने बताया कि याची का छठवें वेतन आयोग के तहत वेतन पुनर्रीक्षित किया गया था।
-बाद में कहा गया कि उनका गलत वेतन निर्धारण हो गया है इसलिए वसूली की जाएगी।
-कर्मचारियों के वेतन से करीब आधा करीब और कुछ लोगों का लगभग पूरा वेतन काटा जाने लगा।
-वकील अनूप का कहना है कि गलत वेतन निर्धारण में कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है इसलिए वसूली नहीं की जा सकती है।
-जबकि यूनिवर्सिटी के वकील का कहना है कि कर्मचारियों ने अंडरटेकिंग दी है।
-बताया गया कि साल 2008 में दी गई अंडरटेकिंग साल 2012 के लिए नहीं है।