HC: सेवाकाल में दिव्यांग हुए कर्मी को वैकल्पिक नौकरी का अधिकार, बर्खास्तगी के आदेश रद्द
ऐसे दिव्यांग कर्मी को विकलांग व्यक्ति (समान अधिकार, अधिकारों का संरक्षण तथा सम्पूर्ण सहभागिता) ऐक्ट 1995 के तहत वैकल्पिक नौकरी दी जानी चाहिए। किन्तु याची को बिना कारण बताए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने बायां हाथ खराब होने से शस्त्र उठाने व ड्रिल करने में असमर्थता के कारण सिपाही की सेवा समाप्ति के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कमांडेंट 39 पीएसी मिर्ज़ापुर को वैकल्पिक नियुक्ति ऐक्ट 1995 के तहत याची को सुन कर तीन माह में नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने आरक्षी सुरेश राम निराला की याचिका को मंजूर करते हुए दिया है।
दिव्यांग कर्मी को वैकल्पिक अधिकार
याचिका पर अधिवक्ता अमृत राज चौरसिया का कहना था कि याची का बायां हाथ सेवा काल में ही अशक्त हो गया।
ऐसे दिव्यांग कर्मी को विकलांग व्यक्ति (समान अधिकार, अधिकारों का संरक्षण तथा सम्पूर्ण सहभागिता) ऐक्ट 1995 के तहत वैकल्पिक नौकरी दी जानी चाहिए।
किन्तु याची को बिना कारण बताए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
वह एक मुठभेड़ में घायल हो गया था जिससे उसका एक हाथ खराब हो गया और मेडिकल बोर्ड ने अक्षम करार दे दिया है।
ऐक्ट के उपबन्धों के तहत याची को वैकल्पिक नौकरी दी जानी चाहिए। कानूनन उसे नौकरी के साथ पदोन्नति भी पाने का अधिकार है।
याची की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने सिपाही की सेवा समाप्ति के आदेश को रद्द कर दिया।