लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच टीजीटी और पीजीटी इम्तिहान में कथित तौर पर धांधली की शिकायत पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को इस बारे में जांच करके तीन हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोप पहली नजर में सही हैं, तो परीक्षा की मूल्यांकन प्रणाली सवालों के घेरे में आती है।
अदालत ने क्या दिया आदेश?
-जस्टिस एपी साही और जस्टिस एआर मसूदी की बेंच ने आजमगढ़ के संजय कुमार की अर्जी पर दिया निर्देश।
-अर्जी में कहा गया है कि टीजीटी और पीजीटी परीक्षा की कॉपियां जांचने का ठेका निजी कंपनी को मिला है।
-अभ्यर्थियों से सेटिंग कर कंपनी उन्हें इम्तिहान में पास कर रही है।
-सादी कॉपी जमा कराकर बाद में सही जवाब भर दिए जाते हैं।
किस तरह हो रहा फर्जीवाड़ा?
-अर्जी में कहा गया है कि उत्तर पुस्तिका के तीन सेट होते हैं।
-एक अभ्यर्थी के पास, दूसरी बोर्ड और तीसरी पुस्तिका कंपनी को भेजी जाती है।
-ऐसी कॉपियां मिलने का दावा किया गया है, जिनमें बोर्ड की कॉपी सादी और कंपनी की कॉपी में जवाब लिखे थे।
-इसी के मद्देनजर अर्जी में जांच के लिए आदेश का आग्रह किया गया था।