HC: एचबीटीयू के कुलपति एमजेड खान को हटाने का आदेश, अर्हता के बिना हुई थी नियुक्ति

न्यायालय ने पाया कि यूपी हरकोर्ट बटलर टेक्निकल इंस्टीट्यूट अधिनियम- 2016 की धारा- 10 के अनुसार संस्थान के कुलपति पद के लिए प्रोफेसर के तौर पर दस वर्ष का अनुभव आवश्यक है, जो प्रो. जफर खान पूरा नहीं करते।

Update:2017-04-27 20:22 IST
21 और 22 फरवरी को अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में नहीं होगा प्रतिकूल आदेश 

लखनऊ: हाईकोर्ट ने कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक्निकल इंस्टीट्यूट के कुलपति प्रो. एमजेड खान को पद से हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश कुलपति पद के लिए उनकी अर्हता पूरी न होने के आधार पर दिया है। प्रो. खान की नियुक्ति 7 सितम्बर 2016 को हुई थी।

गलत नियुक्ति

जस्टिस एसएन शुक्ला और जस्टिस एसके सिंह (प्रथम) की पीठ ने यह आदेश एचबीटीआई के पूर्व निदेशक डॉ राजेंद्र पाल सिंह की अधिकार पृच्छा याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया। याची ने प्रो. खान की पद पर तैनाती के अधिकार को ही चुनौती दी थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि जफर खान की असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति वर्ष 1999 में हुई थी। जबकि इसके लिए प्रस्ताव वर्ष 1994 में भेजा गया था। लिहाजा उनकी नियुक्ति के बाद से ही उनके अनुभव को गिना जा सकता है। किसी पद पर नियुक्ति के लिए मात्र प्रस्ताव कर देने से व्यक्ति अनुभव नहीं प्राप्त करने लगता जब तक कि वह वाकई में नियुक्त न किया जाए।

न्यायालय ने पाया कि यूपी हरकोर्ट बटलर टेक्निकल इंस्टीट्यूट अधिनियम- 2016 की धारा- 10 के अनुसार संस्थान के कुलपति पद के लिए प्रोफेसर के तौर पर दस वर्ष का अनुभव आवश्यक है, जो प्रो. जफर खान पूरा नहीं करते। लिहाजा कुलपति पद पर उनकी नियुक्ति प्रावधानों का उल्लंघन है। न्यायालय ने अधिकार पृच्छा रिट पर उन्हें कुलपति पद से हटाने का आदेश दिया।

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