अवैध कब्जा मामला: रिफ्यूजियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने किया हस्तक्षेप से इंकार

Update: 2017-04-27 14:19 GMT
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के गोविंदपुरी मोदी नगर में भारत-पाक विभाजन के समय पाक से भागकर आए रिफ्यूजियों को आवंटित जमीन से अधिक जमीन पर कब्जा हटाने के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है।

बता दें, कि बसोहर गांव में रिफ्यूजियों को 1948 में बसाया गया था। प्रति व्यक्ति 392 वर्ग गज जमीन दी गई थी। लेकिन उन्होंने ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया। प्रमुख सचिव ने डीएम को आवंटित जमीन का बैनामा करने और अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। अशोक राज वेण्डलिश ने कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित ने इस याचिका पर उक्त आदेश दिया।

आवंटित जमीन का बैनामा कराने की छूट दी

मालूम हो, कि एसडीएम मोदी नगर ने याची को अवैध कब्जे वाली जमीन से कब्जा हटाने का आदेश दिया। साथ ही आवंटित जमीन का बैनामा कराने की छूट दी। याची ने 2 लाख 74 हजार 400 रुपए जमा भी कर दिए। गड़बड़ी तब हुई जब नायब तहसीलदार की फर्जी रिपोर्ट दाखिल कर कहा गया कि कब्जे की जमीन का बैनामा होने में बाधा नहीं है।

कोर्ट ने हस्तक्षेप दे इंकार किया

आयुक्त मेरठ ने कहा डीएम निर्णय लेने में सक्षम हैं। फिर डीएम ने एसडीएम को निर्णय लेने का आदेश दिया। सरकार से सलाह ली गई तो प्रमुख सचिव ने डीएम को आवंटित जमीन की रजिस्ट्री करने तथा अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया। जिस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप दे इंकार कर दिया।

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