शंकराचार्य स्वरूपानंद को हाईकोर्ट से मिली राहत, वासुदेवानंद की अर्जी हुई खारिज
इलाहाबादः हाईकोर्ट ने ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने स्वामी वासुदेवानंद की अर्जी गुरुवार को खारिज कर दी। वासुदेवानंद ने अर्जी दाखिल कर हाईकोर्ट से मांग की थी कि शंकराचार्य स्वरूपानंद ही बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य है लोवर कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ उनकी अपील की सुनवाई को निचली अदालत को भेजा जाए।
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने भी दायर की थी अर्जी
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने अर्जी दायर कर कहा था कि वासुदेवानंद की अपील पर हाईकोर्ट काफी हद तक सुनवाई कर चुका है। अब ऐसी स्थिति में फिर से बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य विवाद को लोवर कोर्ट को भेजना ठीक नहीं है।
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इस मामले में यह भी कहा गया था कि स्वामी स्वरूपानंद की उम्र भी 94 साल की हो रही है। ऐसे में मुकदमे को सुनवाई के लिए लोवर कोर्ट भेजने से शंकराचार्य के जीवनकाल में सुनवाई हो पाना संभव नहीं है।
हाईकोर्ट ने स्वीकार की स्वरूपानंद की अर्जी
जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस एसबी सिंह की खंडपीठ ने आदेश पारित कर कहा कि स्वामी स्वरूपानंद की अर्जी स्वीकार की जाती है तथा वासुदेवानंद की अर्जी खारिज की जाती है। मालूम हो कि लोवर कोर्ट ने शंकराचार्य स्वरूपानंद का वाद मंजूर कर आदेश दिया कि वही बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य हैं।
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यह भी कहा गया कि वासुदेवानंद शंकराचार्य के रूप में न तो अपने को प्रदर्शित करेंगे और न क्षेत्र चंवर का ही प्रयोग करेंगे। इसी आदेश के खिलाफ वासुदेवानंद की अपील हाईकोर्ट में लंबित है। इसकी सुनवाई वह अब लोवर कोर्ट में कराना चाहते थे।