लखनऊ: हाईकोर्ट ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ दर्ज रेप केस में विवेचनाधिकारी से पूछा है कि विवेचना के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने विवेचक को यह भी निर्देश दिया है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा याचिका के साथ संलग्न दस्तावेज और उसमें दी गई दलीलों को भी अपनी विवेचना में शामिल करें।
अगली सुनवाई 13 जनवरी को
कोर्ट ने विवेचक को अगली तारीख तक मामले में विवेचना समाप्त कर सीआरपीसी की धारा-173 के तहत रिपोर्ट दाखिल करने से रोक दिया है। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। यह आदेश जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस विजय लक्ष्मी की बेंच ने अमिताभ ठाकुर की ओर से दायर एक विचाराधीन याचिका पर पारित किया।
क्या है मामला?
याचिका में कहा गया है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के अगले ही दिन कबीना मंत्री गायत्री प्रजापति की शह पर गाजियाबाद की एक महिला की ओर से उनके खिलाफ रेप की यह झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। याचिका में मांग की गई है कि केस की जांच सीबीआई से कराई जाए।