UP News: माफिया बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी का आमना सामना होने से पहले ही HC ने लगाई रोक, ये बड़ी वजह
UP News Today: याची त्रिभुवन सिंह ने मुकदमे का ट्रायल गाजीपुर की बजाय पूर्वांचल के बाहर कराने की मांग की है।
UP News: गाजीपुर की एमपी एमएलए विशेष कोर्ट में चल रहे 21 साल पुराने उसरी चट्टी कांड की सुनवाई पर प्रयागराज हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस डीके सिंह ने इस मामले में आरोपी बनाए गए त्रिभुवन सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने वादी माफिया मुख्तार अंसारी और राज्य सरकार से 4 हफ्ते पर याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस दौरान मुकदमे के ट्रायल पर रोक रहेगी।
केस पूर्वांचल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग
याची त्रिभुवन सिंह ने मुकदमे का ट्रायल गाजीपुर की बजाय पूर्वांचल के बाहर कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि शिकायतकर्ता मुख्तार अंसारी का गाजीपुर, मऊ सहित पूर्वी यूपी के जिलों में दहशत है। उसका पूरा परिवार इस इलाके में बेहद प्रभावशाली है। वह बांदा जेल में बंद है। उसका भाई गाजीपुर से सांसद है। बेटा मऊ से और भतीजा गाजीपुर से विधायक है।
ट्रायल के दौरान मुख्तार गैंग के सैंकड़ों लोग कोर्ट में आते हैं। कोर्ट में भीड़ जमा कर याची को मारने की आशंका है। अब तक याची के परिवार के पांच सदस्यों का मर्डर भी हो चुका है। ऐसी स्थिति में गाजीपुर में केस की निष्पक्ष सुनवाई मुमकिन नहीं है। इसलिए विशेष अदालत में आपराधिक केस का ट्रायल रोका जाए। हाईकोर्ट इस मामले पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगी।
क्या है उसरी चट्टी कांड
15 जुलाई 2001 को मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी अपने सहयोगियों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र जा रहे थे। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जब उनका काफिला मोहम्मदाबाद थानाक्षेत्र के उसर चट्टी इलाके में पहुंचा, तब वहां पहले से मुस्तैद हमलावरों ने स्वचालित हथियार से उनपर हमला बोल दिया था। इस घटना में मुख्तार के सरकारी गनर रामचंदर और सहयोगी रूस्तम मारा गया था। जबकि कई घायल हो गए थे। मुख्तार अंसारी पर हमला करने वाला एक हमलावर भी मारा गया था। इस मामले में माफिया ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था।
बता दें कि पिछले साल ही हाईकोर्ट ने बीते 12 सालों से इस मामले में वाराणसी जेल में बंद माफिया ब्रजेश सिंह को सशर्त जमानत दी है। जिसके बाद वह जेल से बाहर आए।