इलाहाबाद: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के सीईओ के पद पर 10 सालों से डटे आईएएस रमारमण की तैनाती पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से सीधा सवाल किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या सरकार के पास योग्य अधिकारियों की कमी है जो रमारमण को इतने सालों तक नोएडा में ही तैनात किया गया। कोर्ट ने कहा कि सरकार बताए कि पिछले 10 सालों से एक ही अधिकारी को क्यों नोएडा में तैनात रखा गया।
अखिल भारतीय मानव कल्याण एवं सामाजिक उत्थान समिति की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बी भोसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने 11 अगस्त को महाधिवक्ता से इस मुद्दे पर सरकार का स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा है। पीठ ने यह भी बताने के लिए कहा है। कि रमारमण किन-किन पदों पर और कहां-कहां तैनात रहे।
यह भी पढ़ें... नोएडा के तीनों अथॉरिटी के चेयरमैन बने प्रवीर कुमार, प्रदीप नए APC
क्या कहा था हाईकोर्ट ने?
-कोर्ट ने जुलाई में भी इस मामले में सरकार से सवाल किया था
-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रमारमण को तीनों अथॉरिटी का अध्यक्ष बनाए रखने पर सवाल उठाया था।
-हाईकोर्ट ने सरकार से कहा था कि रमारमण को इन पदों से तुरंत हटाया जाए।
-कोर्ट ने सवाल पूछा था कि जब यूपी में और भी काबिल अफसर हैं, तो रमारमण को ही क्यों तीनों अथॉरिटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
-अदालत ने भ्रष्टाचार से संबंधित एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की थी।