शामली: कैराना का पलायन विवाद भले ही नेताओं की राजनीति चमका रहा हो, लेकिन किसानों में इस विवाद से रोष बढ़ता जा रहा है। किसानों को चिंता है कि इस राजनीति में सारे नेता गन्ना भुगतान की समस्या भूल गए हैं। धार्मिक पलायन के मुद्दे को झूठ बता रहे किसानों का कहना है कि नेताओं ने गन्ना भुगतान का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
झूठी है पलायन की लिस्ट
-कैराना से हिंदुओं का पलायन देश की राजनीति में सबसे गर्म मुद्दा है।
-पलायन मुद्दा गर्माने के बाद से गन्ना भुगतान का आंदोलन धीमा पड़ गया है।
-किसान सांसद हुकुम सिंह की पलायन वाली लिस्ट को झूठा मानते हैं, और मानते हैं कि इससे गन्ना भुगतान का मामला ठंडा कर दिया गया है।
नहीं किसानों की चिंता
-किसानों का कहना है कि राजनीति चमक रही है लेकिन किसानों की चिन्ता किसी को नही है।
-किसानों का कहना है कि हिंदू और मुसलमान व्यापारी अपनी मर्जी से खाने कमाने बाहर जाते हैं।
-किसानों का कहना है कि रोजी के लिए पलायन के मुद्दे से ज्यादा बड़ा मुद्दा है किसानों की समस्या का मुद्दा।
-खाद की समस्या लगातार बनी हुी है। ऊपर से बिजली की कमी से किसान बेहाल है।
मजबूरी है पलायन
-पेमेंट नहीं हो रहे हैं, बिना पैसे के क्या किसान, और क्या मजदूर, सब खाली बैठे हैं।
-किसान कहते हैं कि पलायन की बात सच है, क्योंकि रोजगार और मजदूरी नहीं है।लेकिन इसमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं।
-मजदूरों के पलायन से किसानों के सामने भी समस्या आ खड़ी हुई है।
-किसानो का पेमेंट कैराना जैसी जगहों की सबसे बड़ी समस्या है, जो पेमेंट न होने और प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।