खुशियों की सौगात: प्रेसिडेंट कोविंद के गांव पहुंची HRD मिनिस्ट्री की टीम, स्कूल बनेंगे स्मार्ट

कानपुर देहात के डेरापुर तहसील क्षेत्र का छोटा सा गांव परौख अब अपनी खुशहाली के गीत गा रहा हैं। परौख गांव में विकास के लिए सभी विभाग तेजी से काम कर रहे हैं।

Update: 2017-07-30 10:31 GMT
खुशियों की सौगात: प्रेसिडेंट कोविंद के गांव में HRD मिनिस्ट्री टीम, स्कूल बनेंगे स्मार्ट

कानपुर देहात: कानपुर देहात के डेरापुर तहसील क्षेत्र का छोटा सा गांव परौख अब अपनी खुशहाली के गीत गा रहा हैं। परौख गांव में विकास के लिए सभी विभाग तेजी से काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह गांव देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का हैं। रामनाथ कोविंद के देश के 14वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके पैतृक गांव परौख के प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों को आधुनिक बनाने का ऐलान किया था। जिसमें इन विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेश के बाद रविवार (30 जुलाई) को दिल्ली से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम परौख गांव पहुंची। जहां टीम ने प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही ग्रामीणों से बात की। वहीं टीम में कानपुर आईआईटी के एल्युमिनेटर के साथ-साथ जिले के शिक्षा विभाग के आलाधिकारी भी मौजूद रहे।

टीम प्रभारी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार अवनीश त्रिपाठी ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय आविष्कार अभियान चलाकर प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में सौर ऊर्जा चलित प्रोजेक्टर और कंप्यूटर के माध्यम से स्मार्ट क्लासेस बनाई जा रही हैं। जिसमें बच्चों को प्रोजेक्टर और कंप्यूटर के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। इसी के तहत देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव परौख के प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों को स्मार्ट बनाया जाएगा।

इन स्मार्ट क्लासेस में वाॅइस रिकार्डिंग के साथ-साथ चल चित्रों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाकर बच्चों को शिक्षित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के समस्या को देखते हुए इन कक्षाओं को सौर उर्जा से संचालित किया जाएगा। साथ ही सफल क्रियान्वयन के लिए रेगुलर मॉनिटरिंग की जाएगी। छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक बैग का वितरण भी किया जाएगा। जिसे आईआईटी कानपुर के एल्युमिनीज ने डिजाइन किया हैं। इस बैग के माध्यम से बच्चे स्कूल और घर में अत्याधुनिक तरीके से शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे।

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यहीं नहीं, बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से विज्ञान और गणित का ज्ञान देने के लिए एक प्रयोगशाला का भी निर्माण किया जाएगा। इसके लिए विद्यालयों के अध्यापकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। राष्ट्रपति के गांव परौख के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में इन कक्षाओं का संचालन इसी महीने पूरा कर लिया जाएगा और जल्द ही इन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।

वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ऐलान के बाद जिले का शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है। टीम के साथ मौके पर पहुंचे बेसिक शिक्षा अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि टीम ने निरीक्षण कर लिया हैं और अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौपेंगे। उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार तेजी से कार्य किया जाएगा।

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