शान से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए ये आईएएस अफसर, लौटाए गए
सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरने वाली आईएएस अधिकारी बी चन्द्रकला को बीते महीनो केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में केंद्रीय पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पोस्टिंग दिया था। लेकिन उन के पाँव वहां
लखनऊ: सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरने वाली आईएएस अधिकारी बी चन्द्रकला को बीते महीनो केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में केंद्रीय पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पोस्टिंग दिया था।लेकिन उन के पाँव वहां जमने से पहले ही उखड गए चंद महीने में ही उन्हें यूपी वापसी का रास्ता दिखा दिया गया। सत्ता के गलियारों में हो रही चर्चाओं को माने तो आईएएस अफसरों की स्क्रीनिंग के लिए बने 360 डिग्री प्रोफाइलिंग पर बी चन्द्रकला खरी नहीं उतर सकीं।
माना जा रहा है की पोस्टिंग के दौरान अवैध खनन की शिकायतों का पुलिन्दा बी चन्द्रकला के सपनो की गाडी पर ब्रेक लगा गया ख़ास बात यह है, कि इस प्रोफाइलिंग में अफसर के एसीआर सीनियर और जूनियर अफसरों के अलावा खुफिया विभाग से भी फीडबैक लिया जाता है। अब वापस यूपी लौटी बी चन्द्रकला को विशेष माध्यमिक शिक्षा सचिव बनाया गया है। इस से पहले चन्द्रकला को पोस्टिंग के लिए लंबा इंतेज़ार भी करना पड़ा।
दिल्ली के सूत्रों के अनुसार पीएम कार्यलय चन्द्रकला के सोशल मीडिया पर अत्याधिक सक्रियता से खुश नहीं था, क्योंकि उनका मानना था उनका परफारमेंस उतना अच्छा नहीं रहा है जितना प्रोजेक्ट किया जाता है। चन्द्रकला केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की निजी सचिव बनना चाहती थीं लेकिन पीएम ने उनको वापस यूपी का रास्ता दिखा दिया।
उत्तर प्रदेश की सियासत और नौकरशाही में कुछ भी अकस्मात नहीं होता।बात सत्ता केंद्रों से जुड़ी हो तो ये बात 16 आने सच मानी जा सकती है।1981 बैच के देवेंद्र चौधरी की वापसी इसकी सबसे ताजा नजीर पेश कर रही है। दरअसल जब देवेंद्र चौधरी की मूल काडर में वापसी हुई थी तब उन्हें और मुख्य सचिव राजीव कुमार को लेकर सत्ता केंद्रों में चर्चा शुरु हो गयी थी। वैसे देवेंद्र चौधरी ने इस वापसी को निजी कारणों से होना बताया था। उनके मुताबिक वे अपने रिटायरमेंट से तीन चार महीने पहले ही लखनऊ आना चाहते थे जिससे वे रिटायरमेंट से पहले खुद को लखनऊ में सेटेल कर लें ऐसे में वह निजी कारणों से ही मूल काडर में वापस आए हैं।
इसी तरह 1983 वैच के राजीव कपूर भी अपने मूल काडर यूपी वापस भेज दिए गए ,जब कि वह केंद्र में सचिव के पद पर तैनात थे।