अवैध निर्माण के लिए लगाया 'योगी सेना' का बोर्ड, सरकार को बदनाम करने की साजिश

यह मामला तो एकमात्र उदाहरण है। आवास विकास परिषद के अधिकारियों के द्वारा ऐसे और कई घोटाले किए गए हैं। जिनकी यदि फाइल खुलती है तो निश्चित ही कई भ्रष्ट अधिकारियों पर एक्शन होना तय है।

Update: 2021-01-25 12:57 GMT
प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से मौन है। किसी भी अधिकारी की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में साजिश के तहत यूपी सरकार को बदनाम करने का मामला सामने आया है। यहां भूमाफियाओं ने कानून को ताक पर रखते हुए एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अवैध निर्माण का काम जारी रखा है।

प्रशासन की कार्रवाई से बचने और आसपास के लोगों को डराने के लिए यहां पर योगी सेना का बोर्ड लगाया गया है। जिसका सरकार से कोई लेना देना ही नहीं है। ये पूरा मामला बोदला लोहा मंडी रोड, केनरा बैंक के सामने सेक्टर -4 का है।

क्या है ये पूरा मामला

दरअसल जुलाई 20 आवास विकास परिषद के खंड 29 के अधिशासी अभियंता द्वारा जुलाई अवैध निर्माण कर्ताओं के खिलाफ थाना जगदीशपुरा में एफआईआर दर्ज कराई थी।

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कुछ दिन तो यह निर्माण कार्य रुका रहा लेकिन अब अवैध निर्माण कर्ताओं ने कार्य शुरू करवाने के लिए यहां योगी सेना कार्यालय का बोर्ड लगा दिया है। जिसके बाद धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा है। लोगों को अंदेशा है कि इस काम किसी माननीय का भी संरक्षण प्राप्त है।

क्योंकि जिस तरह से यूपी सरकार को बदनाम करने के लिए योगी सेना के नाम का बोर्ड लगाकर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद बिना किसी डर भय के तेजी से अवैध निर्माण कराया जा रहा है। वो बिना किसी प्रभावशाली शख्स के संरक्षण के मुमकिन नहीं लगता है।

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अवैध निर्माण के लिए लगाया 'योगी सेना' का बोर्ड, सरकार को बदनाम करने की साजिश(फोटो:सोशल मीडिया)

बिना शुल्क और नक्शा पास कराए बोर्ड लगाकर धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण

हैरान करने वाली बात ये है कि इस निर्माण को लेकर न तो आवास विकास परिषद से मानचित्र स्वीकृत करवाया गया है और ना ही विकास शुल्क जमा किया है।

जिसके चलते इस निर्माण कार्य पर अब प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैंl आवास विकास परिषद की भूमिका संदेह के घेरे में हैं। सवाल उसके ऊपर भी उठ रहे हैं कि जब इस मामले में एफआईआर दर्ज है तो फिर निर्माण कार्य को रोका क्यों नहीं जा रहा है? आखिर किसी अनुमति से अवैध निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।

प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से मौन है। किसी भी अधिकारी की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।

ऐसे में अब देखना होगा कि आगे इस पूरे प्रकरण में प्रशासन क्या कदम उठाता है। क्या प्रदेश सरकार को बदनाम करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कोई एक्शन लिया जाएगा। या फिर ऐसे ही ‘योगी सेना’ के नाम का बोर्ड लगाकर अवैध निर्माण का काम जारी रखा जाएगा।

ध्वस्तीकरण के हो चुके हैं आदेश

बताया जाता है कि पिछले दिनों ही आवास विकास परिषद द्वारा इस अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किए गए थे।

लेकिन यह आदेश भी बाद में रद्दी की टोकरी में डाल दिए गये और प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने का काम जारी रखा।

इसमें किसी बड़ी साजिश की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। परिणाम बाद में जो भी लेकिन आज इससे निश्चित ही सरकार की किरकिरी हो रही हैं।

और भी कई है परिषद के कारनामे

यह मामला तो एकमात्र उदाहरण है। आवास विकास परिषद के अधिकारियों के द्वारा ऐसे और कई घोटाले किए गए हैं। जिनकी यदि फाइल खुलती है तो निश्चित ही कई भ्रष्ट अधिकारियों पर एक्शन होना तय है। इसके साथ ही एंथला एवं एंथम प्रोजेक्ट की फाइल खुलना अभी बाकी है। जिसमें कई अधिकारियों के राज खुलेंगे।

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अवैध निर्माण के लिए लगाया 'योगी सेना' का बोर्ड, सरकार को बदनाम करने की साजिश(फोटो:सोशल मीडिया)

 

आवासीय जमीनों का हो रहा कमर्शियल में उपयोग

आवास विकास परिषद के अधिकारियों के संरक्षण में आवासीय जमीन का उपयोग कमर्शियल में धड़ल्ले से किया जा रहा है यदि कोई इनकी शिकायत अधिकारियों से करता है तो अधिकारी सेटिंग करके मामले को रफा-दफा कर देते हैं। जिसके चलते सरकार को भी लगातार राजस्व का घाटा हो रहा है।

वैसे तो प्रदेश सरकार के मुखिया आए दिन भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश अधिकारियों को दे रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी आवास विकास परिषद के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद निर्माण कार्य जारी रखने के लिए संरक्षण दे रहे हैं।

रिपोर्ट: प्रवीन शर्मा

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