बलिया में अवैध शस्त्र का धंधा, रायफल के कारतूस में हो रही हेरा-फेरी
बलिया में लोहा पट्टी मुहल्ले के एक शस्त्र विक्रेता के विरुद्ध कारतूस के वितरण में जालसाजी में मुकदमा दर्ज किया गया है।;
Illegal weapon business in Ballia: (Photo- Social Media)
बलिया: जिले के बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के लोहा पट्टी मुहल्ले के एक शस्त्र विक्रेता व उसके भाई के विरुद्ध रायफल के कारतूस के वितरण में कूटरचित अभिलेख तैयार कर जालसाजी के मामले में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है ।
जानकारी के अनुसार बलिया शहर कोतवाली में कल कोतवाली प्रभारी बाल मुकुंद मिश्र की शिकायत पर बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के लोहा पट्टी मुहल्ले के आर्म्स व एमयुनेशन के डीलर मेसर्स आलम इंजीनियरिंग वर्क्स के दुकानदार सेराज आलम व मेराज आलम के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की संहिता की धारा 420 ,467 , 468 , 471 व आयुध अधिनियम की धारा 30 के अंतर्गत नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है ।
प्रतिदिन पचास-पचास 315 बोर का कारतूस दिया गया
प्राथमिकी के अनुसार जिले के दुबहर थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के रहने वाले सीआरपीफ के अवकाश प्राप्त कर्मी मैनेजर सिंह को रायफल 315 बोर का शस्त्र लाइसेंस मिला हुआ है। दुकानदार द्वारा इन्हें तीन तिथि गत 27 अगस्त, 28 अगस्त व 1 सितंबर 2020 को प्रतिदिन पचास-पचास 315 बोर का कारतूस दिया गया ।
पुलिस अधिकारियों की जांच में यह खुलासा हुआ है कि दोनों दुकानदार ने मैनेजर सिंह को केवल दस कारतूस ही दिया तथा उसका लाइसेंस लेकर उसपर कूटरचना कर डेढ़ सौ कारतूस दिया जाना प्रविष्ट कर दिया । इस तरह 140 कारतूस अनाधिकृत व्यक्ति को दे दिया गया । अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि दोनों दुकानदार सेराज आलम व मेराज आलम को कल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है ।
शस्त्र लाइसेंस पर मैनेजर सिंह का हस्ताक्षर अलग पाया गया
सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन ने पिछले दिनों शस्त्र लाइसेंस पर सौ से अधिक कारतूस लेने वाले मामले की जांच कराया । इस मामले की जांच करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट व पुलिस उपाधीक्षक शहर ने आर्म्स व एमयुनेशन के डीलर मेसर्स आलम इंजीनियरिंग वर्क्स पर मामला संदिग्ध पाये जाने पर विस्तृत जांच की सिफारिश की। पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने इस मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव से कराया तो खुलासा हुआ कि शस्त्र लाइसेंस पर मैनेजर सिंह का हस्ताक्षर भिन्न है । लाइसेंस पर तीन तिथि में डेढ़ सौ कारतूस दिये जाने का विवरण अंकित है, जबकि मैनेजर सिंह ने पुलिस की जांच में केवल दस कारतूस लेना ही स्वीकार किया । शस्त्र विक्रेताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने व उनकी गिरफ्तारी के बाद अब शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गई है ।
रिपोर्ट-अनूप हेमकर, बलिया