Imran Masood Joins Congress: इमरान मसूद की कांग्रेस में घर वापसी, दिल्ली में ग्रहण की सदस्यता

Imran Masood Joins Congress: मसूल पहले कांग्रेस में ही थे, फिर सपा में गए और फिर वहां से बसपा में चले गए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पिछले दिनों उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-10-07 08:03 GMT

Imran Masood Joins Congress (photo: social media )

Imran Masood Joins Congress: पश्चिमी यूपी के बड़े मुस्लिम चेहरों में शुमार इमरान मसूद की कांग्रेस में घर वापसी हुई है। बसपा से निष्कासित किए गए मसूद ने शनिवार को दिल्ली में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में कांग्रस की सदस्यता ग्रहण की। मसूल पहले कांग्रेस में ही थे, फिर सपा में गए और फिर वहां से बसपा में चले गए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पिछले दिनों उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। 

दरअसल, इमरान मसूद ने बसपा में रहते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि वे ही बीजेपी को रोक सकते हैं। लगे हाथ उन्होंने मायावती को विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की सलाह भी दे डाली। बताया जाता है कि यही बात बसपा सुप्रीमो को नागवार गुजरी और उन्होंने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए मसूद को निष्कासित कर दिया।

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मायावती लगातार कहते आई हैं कि वे न तो सत्तारूढ़ एनडीए और न ही विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनेंगी। वो अपने बयानों में दोनों पर समान रूप से हमलावर रहती हैं। उन्होंने साफ कर दिया है 2024 का चुनाव पार्टी अकेले अपने दम पर लड़ेगी।

तीन दलों में घूमते रहे मसूद

पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रसीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस से लड़े। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जिसके बाद उनका कांग्रेस से मोहभंग होने लगा और विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। सपा में अहमियत नहीं मिलने के बाद उन्होंने एकबार फिर अपनी ठिकाना बदला और निकाय चुनाव से ठीक पहले बसपा में शामिल हो गए। पिछले दिनों बसपा से निष्कासित किए जाने के बाद मसूद ने एकबार फिर कांग्रेस का दामन थामा है।

पश्चिमी यूपी के मुस्लिमों में पकड़ रखने वाले इमरान मसूद अब तक महज एक चुनाव जीत पाए हैं। साल 2007 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मुजफ्फराबाद (वर्तमान में बेहट) से जीत हासिल किया था। उन्होंने तब सपा उम्मीदवार जगदीश राणा को हराया था। उसके बाद से उन्हें अब तक कोई चुनावी सफलता नहीं मिली है। पश्चिमी यूपी में मसूद कांग्रेस को कितना फायदा दिला पाते हैं ये तो आने वाला समय बताएगा। 

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