छापेमारी: रिकार्ड में मरीजों की संख्या कम, नगद जमा करने पर बनता था पर्चा

रसूखदार और मशहूर चिकित्सकों के ठिकानों पर आयकर  विभाग  की टीम ने छापा मारा। इस छापे से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है की प्रदेश में इस तरह से एक साथ चिकित्सकों पर छापेमारी का ये पहला मामला है।

Update:2019-01-17 19:44 IST

नोएडा: रसूखदार और मशहूर चिकित्सकों के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। इस छापे से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है की प्रदेश में इस तरह से एक साथ चिकित्सकों पर छापेमारी का ये पहला मामला है। शहर में आयकर विभाग की टीम ने एक साथ सुबह आठ बजे चार स्थानों पर छापेमारी की। आयकर विभाग की टीमें इन जगहों पर दस्तावेजों को खंगाल रही हैं। खातों में हेराफेरी, बेनामी रसीदें, हिसाब-किताब में गड़बड़ी की बात सामने आने पर छापेमारी की ये कार्रवाई की गई है। शहर में नियो अस्पताल के डाक्टर राजीव मोतियानी के घर सेक्टर-26 स्थित बी-26, क्लीनिक ए-199 , सेक्टर-50 स्थित डी-170 नियो अस्पताल व गुलाब गुप्ता के क्लीनिक ए-199 सेक्टर-19 व मयूविहार फेज-1 स्थित घर पर छापा मारा। यहा करीब 35 से ज्यादा आयकर वि•ााग के अधिकारी सर्च कर रहे है।

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कंपनी बनाकर रिकार्ड में घटाई मरीजों की संख्या

सुबह आठ बजे करीब पांच अधिकारियों की टीम ने सेक्टर-26 स्थित ए-199 में पहुंची। यहा दस्तावेजों को खंगालने का काम शुरू किया गया। बताया गया कि प्रतिदिन मोतियानी अपने क्लीनिक पर करीब 60 से 80 मरीजों को देखते थे। जिनकी प्रतिबार की फीस 1000 रुपए थी। क्लीनिक रिकार्ड में रखे रजिस्टर में स•ाी मरीजों की जानकारी थी। लेकिन आनलाइन सरकार को भेजी जाने वाली सूची में प्रतिदिन 20 से 30 मरीजों को देखने का ही रिकार्ड लिखा गया था। यह पूरा खेल एक नई कंपनी के जरिए किया जा रहा है। यह कंपनी राजीव मोतियानी व गुलाब गुप्ता के नाम रजिर्स्ड थी। यानी कंपनी के दो यह दो ही निदेशक है। दस्तावेजों को खंगालने का काम जारी है।

छापे के दौरान दोनों चिकित्सक घर से थे नदारद

सुबह आठ बजे आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। उस समय राजीव मोतियानी व गुलाब गुप्ता दोनों ही सेक्टर-50 स्थित अस्पताल में मौजूद थे। वहां से दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास आयकर वि•ााग की टीम उन्हें क्लीनिक लेकर पहुंची। यहा दोनों से दस्तावेजों के आधार पर पूछताछ की जा रही है। जिसमे बड़ी पैमाने पर राजस्व का चूना लगाने की बात सामने आ रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टी अब तक नहीं की गई है। बताते चले कि सेक्टर-50 नियो अस्पताल में न्यूरोलाजी सेंटर के अलावा डेंटल केयर एंड ट्रामा सेंटर व न्यू वीजन फर्स्ट कम सेंटर •ाी चलाया जा रहा है। इन सभी के लीगल दस्तावेजों के साथ पूछताछ का सिलसिला जारी है।

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नगद जमा करने पर मरीज का बनता है पर्चा

आयकर के फेर से बचने के लिए मोतियानी व गुलाब गुप्ता दोनों के क्लीनिक पर सिर्फ नगद में ही काम किया जाता था। यहा आए एक मरीज ने बताया कि उन्होंने कई बार आनलाइन ट्रांजेक्शन करने की बात कहीं। लेकिन वह नहीं मानते थे। वह सिर्फ नगद में ही पैसा जमा करने को कहते थे। नकद में पैसा जमा करने के बाद ही मरीज का पर्चा बनता था। गंभीर होने पर ही उसे अस्पताल रेफर किया जाता था। इस पैसे का हिसाब रखने के लिए चिकित्सकों के सीए थे। जिनसे पूछताछ की जा सकती है। बताया गया कि प्रतिदिन करीब 40 नए रजिस्ट्रेशन चिकित्सकों के यहा होते थे। इसके साथ ही चिकित्सकों के ट्रांजेक्शनों की जानकारी निकाली जा रही है।

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अस्पताल में कॉर्ड देखकर मिल रहा प्रवेश

रेड के दौरान सिर्फ उन्हीं लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा था जिनके मरीज अस्पताल में •ार्ती थे। तीमारदारों को एक कॉर्ड दिया गया था जिसे दिखाए बगैर कोई अस्पताल के अंदर दाखिल नहीं हो सकता था। ऐसे में कई मरीजों के तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यह सिलसिला देरशाम तक चला हालांकि आपातकाल वि•ााग में मरीजों के आने जाने का सिलसिला लगातार जारी रहा। अस्पताल के प्रशासनिक खंड के कार्यालय के स्टॉफ कहीं नहीं जाने दिया गया उनसे देरशाम तक पूछताछ की जा रही है।

20 जनवरी तक बंद रहेगा क्लीनिक

आयकर विभाग की टीम पहुंचते ही सबसे पहले क्लीनिक के बाहर एक पर्चा चस्पा किया गया। जिसमे क्लीनिक को 17 से 20 जनवरी तक बंद रहने की सूचना लिखी थी। लेकिन कारण को स्पष्ट नहीं किया गया। ऐसे में जो मरीज क्लीनिक पहुंच रहे थे उन्हें बैरंग होकर वापस लौटना पड़ा। बाहर से अंदर जाना मना था साथ ही अंदर से बाहर आने पर पाबंदी थी।

यहां हुई छापेमारी

स्थान टीमें

सेक्टर-19 गुलाब गुप्ता का क्लीनिक 1 टीम (चार अधिकारी)

सेक्टर-26 राजीव मोतियानी का क्लीनिक 1 टीम (चार से ज्यादा अधिकारी)

सेक्टर-26 राजीव मोतियानी का घर 1 टीम (चार से ज्यादा अधिकारी)

सेक्टर-50 नियो अस्पताल 1 टीम (छह से ज्यादा अधिकारी)

मयूर विहार फेज-1 गुलाब गुप्ता का घर 1 टीम (चार से ज्यादा अधिकारी)

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