Electricity Rate In UP: यूपी में अब बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी, 10 दिन में टैरिफ प्लान दाखिल करने का निर्देश

Electricity Rate In UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली कंपनियों को टैरिफ प्लान दाखिल करने के लिए कहा है। जिसके बाद प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-03 11:42 IST

बिजली बिल में इजाफा (सांकेतिक तस्वीर, साभार : सोशल  मीडिया)

Electricity Rate In UP: तेजी से बढ़ रही महंगाई के बीच आम आदमी को एक और झटका देने की तैयारी शुरू हो गई है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, टोल टैक्स, खाने-पीने के सामान में महंगाई की मार के बीच जल्द ही बिजली का करंट भी आपको लग सकता है। जिसकी तैयारियां शुरू हो गई है, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को टैरिफ़ प्लान दाखिल करने को कहा है। 10 दिन में 2022- 23 के लिए फ्लैब वार बिजली दरों का प्रस्ताव दाखिल करने को कहा है। जिसकी समीक्षा के बाद राज्य में बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है।

बिजली कंपनियों को भेजा गया पत्र

नियामक आयोग की ओर से पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सभी बिजली कंपनियां बिना सब्सिडी के अलग-अलग श्रेणी के लिए स्लैब वार रिटेल बिजली दर का प्रस्ताव 10 दिन के अंदर दाखिल करें। आयोग ने पहली बार बिजली कंपनियों को बिना सब्सिडी के बिजली दर का प्रस्ताव इस निर्देश के साथ दाखिल करने को कहा है कि बिजली कंपनियों द्वारा आय और व्यय पर दिखाए गए लगभग 6700 करोड रुपए के अंतर को शून्य करते हुए टैरिफ प्रस्ताव दाखिल किया जाना चाहिए। बता दें आयोग ने बिजली कंपनियों से जानना चाहा है कि दरों में कितनी वृद्धि से घाटे की भरपाई हो सकती है। इस बार बिजली कंपनियों ने 17 प्रतिशत वितरण लाइन हानियों के आधार पर करीब 85,500 करोड़ रुपए का एआरआर दाखिल किया है।

बिजली कंपनियों का जवाब मिलने के बाद आयोग एआरआर समेत सभी याचिकाएं स्वीकार करने का फैसला कर बिजली दरों के निर्धारण की कवायद शुरू कर देगा। वहीं आयोग के आदेश के बावजूद बिजली कर्मियों के घर पर मीटर ना लगाए जाने से भी नाराजगी जताते हुए राज्य विद्युत आयोग ने जवाब तलब किया है। साथ ही परिचालन एवं अनुरक्षण खर्चे के बारे में भी विस्तृत प्रस्ताव दाखिल करने को कहा गया है। उपभोक्ताओं की जमानत राशि पर ब्याज के मामले में रिपोर्ट के साथ ही पूर्व में चलाए गए ओटीएस के बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है सभी बिजली कंपनियों में एकीकृत तकनीक एवं वाणिज्यिक लाइन हानियों के बारे में भी पूरा व्यौरा मांगा गया है।

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