कोरोना संक्रमण काल में सेना कई तरीकों से कर रही मदद, खराब पड़े उपकरणों को सुधारा
कोरोना का जिन्न अपनी बोतल से निकलकर देश में फैल गया है।
झाँसी। कोरोना का जिन्न अपनी बोतल से निकलकर देश में फैल गया है। इस जिन्न को काबू में करने में हमारी सरकारी और गैर सरकारी व्यवस्था का पसीना छूट रहा है। लेकिन जिसके पराक्रम और हुनर के आगे सभी का पसीना छूटता है, वह है हमारी सेना। भारतीय सेना की व्हाइट टाईगर डिवीजन झाँसी में स्थित है। इस डिवीजन की कमान जीओसी मेजर जनरल विपुल सिंघल कर रहे हैं।
इस डिवीजन के सारे अस्त्र-शस्त्र और उपकरणों को ठीक करने और रखरखाव की जिम्मेदारी 631 ईएमई बटालियन की हैं, जो कि इस कोरोना काल में सैनिक अस्पतालों की देखरेख बखूबी निभा रही है। 631 ईएमई के टेक्नीशियनों ने दतिया जिले के असैनिक अस्पतालों के उपकरणों की मरम्मत और देखरेख की जिम्मेदारी ली है। यह सारा काम कर्नल शान्तनु कमान अधिकारी 631 ईएमई बटालियन के नेतृत्व में किया जा रहा है।
इसके तहत ईएमई के टैक्नीशियनों ने अस्पताल के खराब उपकरणों जैसे पल्स आक्सीमीटर, नौवेलाइजर, सकसनमशीन, ईसीजी मशीन को ठीक करने के लिए जिम्मा उठा लिया है। इनमें कुछ उपकरणों की मरम्मत को अस्पताल के परिसर के अंदर ही पूरा किया गया है। देश की बाहरी आक्रमणों से रक्षा के अलावा सेना का दूसरा काम सरकार और सिविल प्रशासन को उसके कार्यों को करने में सहायता देना है, जिसको सेना इस संकट काल में बखूबी निभा रही है। यह एक सराहनीय कदम है। इसमें सिविल प्रशासन को इस महामारी को काबू करने में पूरी तरह मदद मिलेगी।
बताते हैं कि बीते दिनों सेना की टीम ने छतरपुर में जिला अस्पताल में कोविड मरीजों के उपचार के दौरान खराब हो गए अनेक उपकरणों को टक्नीशियनों सुधार दिया है। वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन पैन सहित अनेक उपकरणों के खराब होने से अस्पताल प्रबंधन को कोविड संक्रमितों के उपचार में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। थलसेना की व्हाइट टाइगर डिवीजन के प्रयास से इन्हें सुधार लिया गया। इसके लिए नोडल एवं कमांडिंग ऑफिसर कर्नल शांतनु, ले. कनल अंकुर धर, टेक्नीशियन एचएमटी सोनू सिंह भदौरिया व उमेश कुमार यादव के नेतृत्व में टीम ने ठीक किया है।
न जाने कब सुधरते उपकरण
सेना की व्हाइट टाइगर डिवीजन ने बहुत कीमती समय में मदद की है। वेंटीलेटर आदि खराब हो जाने से मरीजों की जान को लेकर चिंता बनी हुई थी। ऐसे में शासन से जब तक उपकरण सुधारने वाले आते, तब तक काफी देर हो जाती। सेना ने ऐसे में आगे आकर बड़ी सेवा की है। उन्होंने नौगांव एवं झांसी के कमांडिंग ऑफिसर से आगे भी मदद जारी रखने का आग्रह कर आभार जताया है।