Jhansi: आर्मी ने झांसी में टापू पर फंसे 4 लोगों का किया रेस्क्यू, DM बोले- नदी किनारे बसे गांव वाले रहें सतर्क

Jhansi News: झांसी के पारीछा बांध के टापू में फंसे 4 लोगों को आर्मी के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाला। चारों लोगों के रेस्क्यू किए जाने के दौरान DM रविंद्र कुमार और SSP शिवहरि मीणा मौजूद रहे।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2022-08-25 19:42 IST

Jhansi News Today: झांसी के पारीछा बांध के टापू में फंसे 4 स्थानीय लोगों को आर्मी के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। चारों लोगों के रेस्क्यू किए जाने के दौरान जिले के डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी शिवहरि मीणा मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने टापू में फंसे ग्रामीणों के परिवार वालों से बात की और उनके सकुशल बाहर निकाले जाने का आश्वासन दिया। भारतीय सेना के जवानों ने हेलीकॉप्टर की मदद से दोनों टापू पर फंसे ग्रामीणों का रेस्क्यू किया। सुरक्षित बाहर आने के बाद भूरे लाल पुत्र जमुना (17 वर्ष), अशोक पुत्र चतुर्भुज (21 वर्ष), मनीराम पुत्र बृजभान (40 वर्ष) तथा हरी पुत्र प्यारेलाल (40 वर्ष) को जिला प्रशासन की तरफ से पहले खाना खिलाया गया। फिर उन्हें मेडिकल जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। 

इस मौके पर जिले के डीएम रविंद्र कुमार (Jhansi DM Ravindra Kumar) ने ग्रामीणों और जिला वासियों से अपील की है कि 'डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिस कारण नदियां उफान पर है। इसलिए नदी किनारे बसे गांव के लोग किसी भी स्थिति में नदी के बीच बने टापू पर ना जाएं। और ना ही नदी के किनारे किसी भी तरह की गतिविधि करें। उन्होंने आह्वान किया कि आप सभी सुरक्षित रहें और लोगों को भी सुरक्षित करें।  

प्रधान, निगरानी समिति, लेखपाल रहें सतर्क

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि माताटीला बांध से लगभग दो लाख 31 हजार 119 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जिले के कई गांव प्रभावित होने की संभावना है। नदी के किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने की लगातार हिदायत दी जा रही है। उन्होंने ऐसे गांव जो नदी किनारे और पानी छोड़े जाने की स्थिति में प्रभावित होने वाले हैं, वहां के ग्राम प्रधान, ग्राम निगरानी समिति, लेखपाल, सचिव सहित अन्य सभी को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी लोग पूर्ण सतर्क रहते हुए नदी के बढ़ते जल स्तर पर सतत दृष्टि बनाए रखें और लगातार जानकारी देते रहे। उन्होंने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को मौके पर जाकर जाकर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए।


पानी का बहाव तेज है तो सड़क पार करने से बचें

जिलाधिकारी ने बेतवा नदी के किनारे बसे गांव के तट के बढ़े जलस्तर को गंभीरता से देखने के निर्देश दिए, और कहा कि सड़कों पर पानी आ जाने के कारण या लिपटे पर पानी का बहाव तेज होने के कारण यदि गांव का आवागमन बाधित हुआ है तो ऐसे गांव की जानकारी तत्काल मुख्यालय पर उपलब्ध कराएं। ताकि उन्हें रिपटा पार करने से रोका जा सके। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि  नदी किनारे गांव में गोताखोर तथा नाव की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें ताकि वक्त रहते लोगों को दुर्घटना से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए, रिपटे पर यदि पानी का बहाव तेज है तो सड़क पार करने से बचें और दूसरों को भी बचाएं। आप लोग निरंतर क्षेत्र में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। कहीं पर कोई समस्या हो तो तत्काल अवगत कराया जाए।

प्रशासन ने जारी किया कंट्रोल सेंटर का नंबर 

जिलाधिकारी ने बताया कि आज राजघाट डैम से 2 लाख 33 हजार 638 क्यूसेक से पानी छोड़ा गया। माताटीला से 2 लाख 31 हजार 119 क्यूसेक छोड़ा जा चुका है। जिलाधिकारी ने जिले के नदी के किनारे बसे हुए गांव के लोगों को अलर्ट करते हुए कहा है कि यदि नदी किनारे कोई गो आश्रय स्थल है, तो वहां पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने कहा कि पशु हानि और मानव हानि किसी भी दशा में ना हो इसे अवश्य सुनिश्चित कर लें। अन्य समस्या उत्पन्न होने पर तत्काल इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के फोन नंबर- 0510-2440521, 2370621, 2370622, 2370623 पर तत्काल सूचना दें।

19 अगस्त से टापू पर फंसे थे चारों लोग

बेतवा नदी पर दो टापू बने हैं। बड़े टापू पर गांव के किसानों की आठ एकड़ जमीन है। 19 अगस्त को मनीराम और हरी खेत पर गए थे। जबकि फूल सिंह और अशोक मछली मारने गए थे। भूरे के पिता जामुन ने बताया कि 19 अगस्त को नदी का जलस्तर काम था। इसलिए बेटा भूरे और अशोक मछली पकड़ने के लिए छोटू टापू पर गए थे। खाने के लिए दो किलो आटा ले गए। शाम को नदी का जलस्तर एकदम बढ़ गया और दोनों टापू पर फंस गए थे।

घर वालों से नहीं हो सका था संपर्क

अशोक के पास मोबाइल फोन नहीं था। भूरे के पास मोबाइल है, लेकिन बारिश होने के कारण वह घर ही छोड़ गया था। इसलिए दोनों से पांच दिन से कोई संपर्क नहीं हो पाया। बुधवार को नदी का जलस्तर एकदम और बढ़ गया। इससे परिजन घबरा गए। भूरे भी नदी में कूदने वाला था, लेकिन ग्रामीणों ने नदी किनारे से तौलिया हिलाकर उसे मना किया था।

SDRF बुलाई गई, लेकिन रेस्क्यू नहीं हो सका

ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन की टीम एक्टिव हुई। एसडीआरएफ बुलाई गई, लेकिन रेस्क्यू नहीं कर सकी। अफसरों का कहना था कि नदी में बड़े -बड़े पत्थर है इसलिए स्टीमर नहीं चल सकती। अगर स्टीमर नदी में उतारी तो फैन क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसलिए स्टीमर का टापू तक जा पाना मुश्किल है। इसके बाद गुरुवार को सेना की टीम ने मोर्चा संभाला था।


DM और SSP ने दोनों को बाहर आने के लिए मनाया

डीएम और एसएसपी ने फोन से मनीराम से बात की। डीएम ने कहा कि एमपी में लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। कब कम होगा, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। अभी मौके पर हेलिकॉप्टर है, आप लोग आ जाएं। आपके परिवार वाले बैठे हैं और रो रहे हैं। इसके बाद दोनों आने के लिए राजी हो गए और बोले कि टापू किनारे आकर कपड़ा हिला रहे हैं। थोड़ी देर बाद दोनों टापू के किनारे पहुंचे और कपड़े हिलाए। सेना के जवानों ने करीब सवा डेढ़ बजे दोनों का रेस्क्यू किया।

पानी पीकर गुजारे चार दिन

एयरलिफ्ट हुए अशोक और भूरे अपने परिजनों से मिलकर काफी खुश हैं। डॉक्टरों ने दोनों की सेहत जांची है। दोनों ने बताया कि एक दिन का राशन था, तो पहले दिन दिक्कत नहीं हुई। लेकिन इसके बाद चार दिन पानी पीकर गुजारे हैं। डर लग रहा था कि अब वापस नहीं लौट पाएंगे। जिंदा लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी।

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