70 मजदूरों को बंधक बनाने का मामला: नेपाल से IND पुलिस को जांच में नहीं मिला सहयोग

नेपाल पुलिस ने भारतीय पुलिसकर्मियों का जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। जिसके बाद नेपाल पुलिस की गिरफ्त से छूटे भारतीय पुलिसकर्मियों ने अपने कार्यस्थल पर वापस लौटने के बाद आलाधिकारियों को इसकी सूचना दी। अब यहां के एसपी दूतावास के जरिए बात करने की बात कर रहे हैं।

Update: 2019-03-17 05:58 GMT

शाहजहांपुर: नेपाल में मजदूरों को ईट भट्टे पर बंधक बनाने के मामले मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस घटना की जांच करने के लिए जब एसएसआई और कांस्टेबल नेपाल पहुंचे तो वहां पर ईट भट्टा मालिक ने विवाद कर दिया।

जिसके बाद नेपाल पुलिस ने भारतीय पुलिसकर्मियों को थाने पर बैठा लिया। नेपाल पुलिस ने यहां के पुलिसकर्मियों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। जिसके बाद नेपाल पुलिस की गिरफ्त से छूटे भारतीय पुलिस पुलिसकर्मियों ने अपने कार्यस्थल पर वापस लौटने के बाद आलाधिकारियों को इसकी सूचना दी। अब यहां के एसपी दूतावास के जरिए बात करने की बात कर रहे हैं।

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ये है पूरा मामला

दरअसल घटना थाना तिलहर की है। यहां के रहने वाले मजदूरों के परिवार ने 12 मार्च को एसपी को प्रार्थना पत्र देकर मजदूरों को नैपाल से छुङाने की मांग की थी। उसके बाद पुलिस ने जांच कर कार्यवाई करने की बात की थी। पुलिस को जांच मे घटना सही मिली। उसके बाद पुलिस ने आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

तिलहर थाने के एसएसआई वीके मौर्य और हेड कॉन्स्टेबल अनीस को जांच करने के लिए नैपाल भेजा गया था। जहां दोनो पुलिसकर्मी नैपाल मे उस ईट भट्टे पर पहुचे। जहां पर मजदूरों को बंधक बनाने का आरोप लगा था। बताया जा रहा है कि जब पुलिसकर्मी भट्टे पर पहुचे तो ईट भट्टे मालिक ने पुलिसकर्मियों से विवाद करना शुरू कर दिया।

जिसके बाद वहां पर नैपाल की स्थानीय पुलिस को बुला लिया गया। नैपाल पुलिस ने हिंदुस्तान के पुलिसकर्मियों को सहयोग करने के बजाए उनको थाने पर बैठा लिया। उसके बाद जैसे तैसे पुलिसकर्मियों को छोड़ा गया। उसके बाद वह वापस शाहजहांपुर पहुचे। जहां उन्होने घटना की जानकारी एसपी एस चिनप्पा को दी।

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एसपी एस चिनप्पा का कहना है कि घटना की जानकारी मिली है। नैपाल पुलिस ने हमारी पुलिस को बिल्कुल भी सहयोग नही किया। उन्होंने काफी अभद्रता की है। इस मामले की जानकारी दूतावास मे दी जाएगी। दूतावास के जरिए ही घटना की जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

आपको बता दें कि तिलहर थाना क्षेत्र के रहने वाले मजदूरों के परिवार ने 12 मार्च को एसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि थाना निगोही के रहने वाले ठेकेदारों ने गांव के करीब 70 मजदूरों को काम दिलाने का झांसा दिया था। उसके बाद ठेकेदार के कहने पर सभी मजदूर गोला गए। जहां से उनको नैपाल भेज दिया गया।

लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी वह लोग वापस नही लौटे तो उसके बाद मजदूरों की जानकारी करने परिवार के लोग ठेकेदार के पास गए तो वह मारपीट पर उतारू हो गए। ठेकेदार ने बताया कि मजदूरों को नैपाल मे ईट भट्टे पर बेच दिया गया है। उसके बाद मजदूरों ने परिवार को फोन किया। फोन पर मजदूर खुद को बचाने की गुहार लगा रहे थे। उसके बाद मजदूरों के परिवारों ने पुलिस का सहारा लिया था।

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