Lucknow: कमिश्नर के सरकारी बंगले के कार्य में अड़ंगा लगाना इंदुशेखर सिंह को पड़ा भारी, रिटायरमेंट से पहले छिनी कुर्सी

Lucknow: लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता सिविल इंदुशेखर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया। शासन से जारी आदेश के बाद उन्हें आवास बंधु से संबद्ध कर दिया गया है।

Update: 2022-06-23 16:59 GMT

Lucknow: एलडीए (LDA) में वर्चस्व की जंग और भ्रष्टाचार का मामला (corruption case) खुलकर सामने आ गया है। गुरुवार को इस पर मुहर भी लग गई जब अचानक लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता सिविल इंदुशेखर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया। शासन से जारी आदेश के बाद उन्हें आवास बंधु से संबंध कर दिया गया है।

बता दें 30 जून को इंदुशेखर सिंह (Indushekhar Singh) रिटायर होने वाले हैं। उससे 7 दिन पहले उन पर ये बड़ा एक्शन हो गया। वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर इंदुशेखर सिंह ने कहा है की उन्हें लखनऊ के कमिश्नर और एलडीए अध्यक्ष रंजन कुमार के सरकारी घर के काम में अड़ंगा लगाना महंगा पड़ा। जिसके बाद उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा था।

इंदुशेखर सिंह को हटाया गया

बता दें लखनऊ के कमिश्नर और एलडीए अध्यक्ष रंजन कुमार के बटलर पैलेस स्थित सरकारी आवास के मरम्मत के लिए 81,79, 306 रूपये खर्च करने का अस्थापना निधि से जो प्रस्ताव बनाया गया था। उस पर मुख्य अभियंता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए उसे रोक दिया था। यह बात एलडीए अध्यक्ष रंजन कुमार को नागवार गुजरी। इस पर वीसी भी उनसे नाराज हो गए थे। इसके बाद एलडीए के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने इंदुशेखर सिंह पर भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी। जिसके बाद अब इंदुशेखर सिंह को हटा दिया गया है।


गौरतलब है की मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह (Chief Engineer Indushekhar Singh) पर पहले कई आरोप लगे हैं। जिसकी जांच चल रही है, उन पर चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने, टेंडरिंग में गड़बड़ी, ठेकेदारों के भुगतान में गड़बड़ी के आरोप हैं। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर लोकायुक्त तक की गई थी। इसकी जांच अभी चल रही है। इस बीच आज प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की ओर से जारी आदेश में उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने को कहा गया। अब वह आवास बंधु से संबंध कर दिए गए हैं हालांकि वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उससे पहले उन पर यह एक्शन विकास प्राधिकरण में अफसरों के बीच कैसे वर्चस्व की जंग है इसका खुलासा कर दिया है।


बड़े रसूख वाले थे इंदुशेखर सिंह

वैसे इंदुशेखर सिंह का रसूख काफी बड़ा माना जाता था। वह 2017 से इस पद पर तैनात थे। उनकी सत्ता और शासन से अच्छी पैठ थी। यही वजह है कि इतने दिनों से इस कुर्सी पर काबिज थे। इस दौरान उन पर कई आरोप तो लगे ही ठेकेदारों और उच्च अफसरों से विवाद भी हुआ। लेकिन अब रिटायरमेंट से 7 दिन पहले उन्हें कमिश्नर के सरकारी आवास के काम में अड़ंगा लगाना भारी पड़ गया है।


वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर इंदुशेखर सिंह ने कहा है कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं। उसका जवाब उन्होंने शासन और लोकायुक्त को दे दिया है। यह सभी आरोप पिछले साल जुलाई से सितंबर तक के हैं। सभी के जवाब दस्तावेजों सहित मुख्य सचिव प्रमुख सचिव लोकायुक्त को उन्होंने दे दिया है। किसी भी आरोप में दोष सिद्ध नहीं हुआ लेकिन नौकरशाहों ने मिलीभगत का वह शिकार हो गए हैं।

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